विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के मकसद से पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में सपा के बैनर तले उम्मीदवारों को लड़ाया था. लेकिन अखिलेश यादव को कोई सफलता नही मिली. लेकिन समाजवादी पार्टी को वहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी से ज्यादा वोट मिले है.

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने जम्मू कश्मीर में 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमे सभी सीटों को मिलाकर कुल 8198 वोट मिले. कुल मतदान ये वोट 0.14 परसेंट है.

सिंबल होता तो मंजर कुछ और होता

समाजवादी पार्टी को अभी राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला है. ऐसे में उसको उसके परम्परागत चुनाव चिन्ह के नहीं मिलने से भी जम्मू कश्मीर चुनाव में असर पड़ा. उसे जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में साइकिल सिंबल नहीं मिला. चुनाव आयोग ने सपा के उम्मीदवारों को नया सिंबल लैपटॉप चुनाव चिह्न आवंटित किया था. प्रचार के लिए वहां उत्तर प्रदेश से प्रभारी बनाकर भेजे गए समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसे एक बड़ी समस्या बताया था.

पहली बार घाटी में लड़ी सपा

पहली बार समाजवादी पार्टी के 20 प्रत्याशी जम्मू कश्मीर में ताल ठोक रहे थे. जिसमें की सपा के कैंडिडेट 16 सीट पर 500 वोट भी नहीं पा सकी. जबकि तीन सीटों पर उन्हें 200 से भी कम वोट मिले. बांदीपोरा इकलौती ऐसी सीट है जहां पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने 1695 वोट हासिल किए.

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