Samudrik Shastra: सामुद्रिक शास्त्र में व्यक्ति के विभिन्न अंगों की आकृति, आकार, आकृति आदि के आधार पर उसके व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जाना जाता है. इसके अलावा, खड़े होने, बैठने, चलने, बोलने आदि क्रियाओं के आधार पर भी व्यक्ति के बारे में काफी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
- यदि किसी व्यक्ति के हाथ चलते समय इस प्रकार हिलते हैं जैसे कि उनमें शक्ति ही न हो, तो ऐसा व्यक्ति लक्ष्यहीन और गैरजिम्मेदार होता है.
- जो लोग नंगे हाथों से चलते हैं और अपने हाथों को बहुत हिलाते हैं वे फिजूलखर्च, लापरवाह और फिजूलखर्च प्रकृति के होते हैं.
- जिनकी मुट्ठियां चलते समय बंद रहती हैं वे किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले तर्क और बुद्धि का प्रयोग करते हैं.
- जो व्यक्ति चलते समय शांति से हाथ हिलाता है वह क्रोधित होता है. उसका स्वभाव कठोर है.
- जो व्यक्ति अपने हाथों को कमर पर रखकर चलता है वह संदिग्ध और अत्यधिक सतर्क होता है.
- जिन लोगों की भुजाएं चलते समय कोहनियों से मुड़ी होती हैं, वे आत्मविश्वासी होते हैं और दूसरों का सम्मान करते हैं.
- जो व्यक्ति मोर या शेर की तरह चलता है वह भाग्यशाली होता है.
- जो व्यक्ति हंस, हाथी या बैल की तरह चलता है वह धार्मिक और धनवान होता है.
- जिस व्यक्ति के हाथ या पैर में पांच से अधिक उंगलियां हों, वह या तो गरीब है या फिर ऐसी स्थिति में है कि उसके पूरे जीवन में कम से कम एक जोड़ टूट जाता है.
- जिस व्यक्ति की भुजाओं पर शिराएँ दिखाई न देती हों, वह सर्वश्रेष्ठ होता है.
- कसे हुए और बालों वाले हाथ नौकरों के होते हैं.
- यदि हथेली का रंग लाल है तो यह धन प्राप्ति का सूचक है.
- काली और सफेद हथेलियां गरीबी का संकेत देती हैं. (Samudrik Shastra)
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