गरियाबंद। पत्रकारों पर रेत माफियाओं के हमले के बाद राजिम पुलिस ने जान से मारने की प्रयास समेत कई धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी और राजिम इलाके में चल रहे सभी अवैध खदानों को बंद कराने की मांग को लेकर शाम 6 बजे पत्रकार राजिम के सुंदर लाल शर्मा चौक में धरने पर बैठे हैं. पत्रकारों की मांग है कि जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी और उन्हें इशारे में चलाने वाले माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
हमले से आहत पत्रकार इमरान मेमन, थानेश्वर साहू, जितेंद्र सिन्हा ने बताया कि घटना की सूचना पर माइनिंग अफसर नहीं पहुंचे. पत्रकारों ने माइनिंग अधिकारी पर भी साठगांठ का आरोप लगाया है. इसके अलावा जितने भी खदान अवैध रूप से चलाया जा रहा है उन्हें बंद करने की मांग उठाई है.
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मौके पर पहुंचे एसडीएम और एसडीओपी
राजिम के सुंदल लाल शर्मा चौक पर धरने पर बैठे पत्रकारों के मान मनौव्वल के लिए एसडीएम विशाल महाराणा, एसडीओपी निशा सिन्हा मौके पर पहुंचे. एसडीओपी निशा सिन्हा ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज किया गया है. मामले से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.

जानिए राजिम में कितने खदान अवैध रूप से चल रहा
पितईबंद के अलावा राजिम में चौबेबंधा, बकली, रावण, तर्रा, कोपरा में अवैध डंप समेत 10 से ज्यादा खदान अवैध संचालित है. रोजाना शाम ढलते ही हाईवा जिले में इंटर करती है. रात 8 बजते ही घाटों में लग जाती है. एक एक घाट में 5 से 6 फोकलेन मशीनें लगी हुई है. तड़के 4 बजे तक अवैध खनन चलता है. गरियाबंद का रेत रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव जैसे जिले में सप्लाई होता है. रोज माफिया लाखों कमा रहे, जिसका 40 फीसदी हिस्सा जिम्मेदारों को कमीशन के तौर पर चला जाता है.

क्या खनिज अधिकारी ने सेटिंग की थी : दीपक बैज
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक ने सवाल उठाया है कि क्या खनिज अधिकारी ने ही पत्रकारों को रास्ते से हटाने की सेटिंग की थी ? उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, अवैध रेत उत्खनन रोकने पहुंचे पत्रकारों पर रेत माफियाओं ने जानलेवा हमला किया है. जब पत्रकार इमरान मेमन, थानेश्वर साहू और जितेन्द्र सिन्हा समेत अन्य लोग मौके पर पहुंचे तो उन्होंने अवैध परिवहन में लगे वाहनों को पकड़ने के लिए जिला खनिज अधिकारी को सूचना दी. माइनिंग की टीम के बजाय खदान संचालक के 7-8 गुर्गे वहां आ गए. क्या खनिज अधिकारी ने ही पत्रकारों को रास्ते से हटाने की सेटिंग की थी ?
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