अमृतसर. रोजी-रोटी की तलाश में विदेशों में पलायन कर चुके पंजाबी अपनी अगली पीढ़ी को मातृभाषा से जोड़े रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और इसी कड़ी में पंजाबी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अमृतसर से कनाडा के विन्निपेग में रहने वाली संदीप कौर रंधावा ने पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.

केंद्रीय सभा के सचिव कथाकार दीप देविंदर सिंह ने कहा कि संदीप कौर रंधावा ने पंजाबी बच्चों को अपनी मातृभाषा से जोड़ने के लिए विन्निपेग स्कूल डिवीजन से संपर्क किया और स्कूलों के पाठ्यक्र म में पंजाबी को विषय के रूप में पढ़ाने की मांग उठाई. अब संदीप कौर के संघर्ष को विन्निपेग स्कूल डिवीजन ने लिखित मंजूरी दे दी है. आगामी सितंबर से केजी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों को पंजाबी पढ़ाई जाएगी.


गौरतलब है कि संदीप रंधावा जनवादी लेखक संघ के सचिव उपन्यासकार वजीर सिंह रंधावा की बहू हैं. जबकि दमदमी टकसाल के 13वें प्रमुख ज्ञानी करतार सिंह खालसा ज्ञानी करतार सिंह खालसा की पोती हैं. भाई मंजीत सिंह की बेटी है. जो पिछले डेढ़ दशक से रॉयल बैंक ऑफ कनाडा में एक जिम्मेदार पद पर तैनात हैं. इस पहल की सराहना करते हुए सेंट्रल पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दर्शन बुट्टर, महासचिव सुशील दोसांझ, डा. लखविंदर जोहल, गुरभजन सिंह गिल, हरजिंदर सिंह अटवाल, शैलिंदरजीत राजन, मक्खन कुहाड़, हरजीत सिंह संधू, मनमोहन ढिल्लों, प्रिंस डा. महल सिंह, डा. आत्म रंधावा, डा. हीरा सिंह, डा. कश्मीर सिंह, डा. परमिंदर एस. पुरुषोतम, जगतार गिल, डा. मोहन, प्रतीक सहदेव, डा. गगनदीप सिंह, सुरजीत अक्स, दिलराज सिंह दर्दी, राजीव मेहनिया और कृपाल सिंह आदि ने खुशी जताई है.