अभिषेक झा/सुपौल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत 6 मार्च को वीरपुर आ रहे हैं. वे यहां सरस्वती विद्या मंदिर के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम को लेकर संघ के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और स्थानीय प्रशासन में जबरदस्त उत्साह है. संघ प्रमुख अपने दौरे के दौरान विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों से मुलाकात कर समाज और राष्ट्र निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

स्वागत की हो रही जोरदार तैयारियां 

मोहन भागवत के आगमन को लेकर संघ और प्रशासनिक स्तर पर विशेष तैयारियां की जा रही हैं. संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री ख्याली राम ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े संगठन के प्रमुख का वीरपुर आगमन गौरव की बात है. संघ कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए पूरी तरह तत्पर हैं. स्वयंसेवक और स्थानीय पदाधिकारी कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं. इससे पहले 2020 में मोहन भागवत का यह दौरा तय था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. अब 4 साल बाद वे वीरपुर आ रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में भारी उत्साह है.

आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा नया भवन

संघ प्रमुख द्वारा उद्घाटन किया जाने वाला सरस्वती शिशु विद्या मंदिर का नया भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. इससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलेगा. संघ पदाधिकारियों का मानना है कि मोहन भागवत के आगमन से न केवल विद्यालय को नई पहचान मिलेगी, बल्कि शिक्षा और संस्कार के प्रचार-प्रसार को भी बल मिलेगा. संघ वर्षों से शिक्षा, संस्कार और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. इस दौरे से संघ की गतिविधियों को नई गति मिलेगी और क्षेत्र में उसकी सक्रियता और प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है.

संघ पदाधिकारियों की भागीदारी

6 मार्च को वीरपुर में होने वाले इस कार्यक्रम में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी, स्थानीय नेता, शिक्षाविद और गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे. इस अवसर पर संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख विद्या भारती बिहार एवं झारखंड नवीन सिंह परमार, लोक शिक्षा समिति कोसी विभाग प्रमुख रमेश चंद्र शुक्ला, क्रीड़ा भारती प्रांतीय सदस्य मुकल कुमार दास, क्रीड़ा भारती रामवतार मेहता, क्रीड़ा भारती उत्तर बिहार प्रांतीय उपाध्यक्ष सुमन चंद्र, सुरेश चंद्र और सुबोध कुमार शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद थे.

वीरपुर में उत्सव जैसा माहौल

संघ प्रमुख मोहन भागवत के आगमन को लेकर वीरपुर में उत्सव जैसा माहौल है. स्थानीय लोग, स्वयंसेवक और संघ कार्यकर्ता उनके स्वागत की तैयारियों में दिन-रात जुटे हुए हैं. प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क है. यह दौरा न केवल संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेगा, बल्कि शिक्षा और राष्ट्र निर्माण के प्रति संघ की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगा. वीरपुर के इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए भारी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है.

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