पटना। बिहार चुनाव के नतीजे आने के साथ ही राज्य की राजनीति एक बार फिर नए समीकरणों और तीखे बयानों के बीच घूमने लगी है। NDA को मिले प्रचंड बहुमत 202 सीटों ने पटना की सियासत को पूरी तरह बदल दिया है। भाजपा को 89 और जेडीयू को 85 सीटें मिलने से गठबंधन एक बार फिर मजबूत होकर उभरा है, जबकि विपक्षी महागठबंधन 35 सीटों तक सिमट गया है।

जायसवाल का बयान चर्चा में आ गया

नतीजों के अगले ही दिन पटना की सड़कों पर हलचल बढ़ी। पार्टी कार्यालयों में जश्न का माहौल और विपक्षी खेमे में सन्नाटा दोनों साफ दिखाई दे रहे थे। इसी बीच बीजेपी सांसद संजय जायसवाल का बयान चर्चा में आ गया। उन्होंने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा राहुल गांधी जब भी बोलते हैं, बीजेपी का ही भला होता है। जिस वोट चोरी की बात वे कर रहे थे, वो बिहार में थी ही नहीं। जनता ने गरीब कल्याण की योजनाओं पर भरोसा किया और हमें ऐतिहासिक जीत दी।

पटना की 14 सीटों का हाल

पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों का पूरा नतीजा शुक्रवार देर रात तक साफ हो गया। इनमें से 11 सीटें NDA की झोली में आई, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 3 सीटें मिलीं। सबसे ज्यादा चर्चा पटना साहिब सीट की रही, जहां बीजेपी के रत्नेश कुमार ने 1.30 लाख से भी ज्यादा वोट पाकर जीत दर्ज की। दानापुर में बीजेपी ने सीट अपने नाम कर ली।

नए चेहरों पर भरोसा जताया

जिले में इस बार 4 नए चेहरों पर मतदाताओं ने भरोसा जताया है। वहीं फतुहा से राजद के रामानंद यादव और फुलवारी से जेडीयू के श्याम रजक ने एक बार फिर विधानसभा में प्रवेश किया है।

कौन कितनी बार जीता

रामानंद यादव — फतुहा से लगातार तीसरी बार विजयी

श्याम रजक — 7वीं बार विधायक

भाई वीरेंद्र (राजद) — 5वीं बार जीते

अरुण मांझी (जेडीयू) — तीसरी बार विजयी

जिले में सबसे बड़ी जीत

बीजेपी ने अपनी 7 सीटों पर शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट दर्ज किया। जिले में सबसे बड़ी जीत दर्ज की दीघा के भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने। उन्हें 1,11,001 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी दिव्या गौतम 59 हजार वोटों से पीछे रह गईं।

महिला उम्मीदवारों नहीं मिली जगह

चौंकाने वाली बात यह रही कि पटना की किसी भी सीट पर इस बार महिला उम्मीदवार विजयी नहीं हो सकीं।