Sanjay Raut on Rahul Gandhi Vs Devendra Fadnavis: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनावों में धांधली को लेकर चुनाव आयोग पर अपने लेख के जरिये लगाएं गए आरोपों पर सियासत गरमा गई है। ECI (ELECTION COMMISSION OF INDIA) द्वारा आरोपों के खंडन के बावजूद उन्होंने राहुल गांधी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं। वहीं इस पूरे मामले में अब शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
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‘राहुल गांधी का लेख देश की जनता तक पहुंच चुका है’
पीटीआई को दिए बयान में संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी का लेख देश की जनता तक पहुंच चुका है और उसमें जो सवाल उठाए गए हैं, उनका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए, न कि भारतीय जनता पार्टी को। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव के हाईजैक होने की बात कही है और ये मुद्दा गंभीर है।
आरोप चुनाव आयोग पर है तो जवाब फडणवीस क्यों दे रहे हैं- राउत
संजय राउत से जब देवेंद्र फडणवीस के द्वारा लिखे आर्टिकल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैंने तो नहीं देखा कहां आर्टिकल है। मैंने राहुल गांधी का आर्टिकल जरूर पढ़ा है। क्योंकि देश के सभी जनता तक वो आर्टिकल पहुंच गया है। राहुल गांधी ने 5 अहम मुद्दों को उठाया है, जिसमें सबसे गंभीर आरोप चुनाव आयोग पर है। उन्होंने पैनल बदलने, मतदाता सूची में गड़बड़ी, और अचानक 60 लाख से अधिक नए वोटरों के जुड़ने जैसे मामलों का जिक्र किया है।” राउत का कहना है कि इन सवालों का जवाब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नहीं, बल्कि चुनाव आयोग को देना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “फडणवीस चाहे लेख लिखें या गीता, कोई असर नहीं पड़ेगा, उन्हें अब कोई पढ़ता नहीं।”
बीजेपी और उनकी गैंग ने चुराया महाराष्ट्र चुनाव – राउत
राउत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी संविधानिक पद पर बैठे हैं और उन्हें यह सवाल पूछने का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और उनकी सहयोगी शिंदे-अजित पवार गैंग ने चुनाव को “चोरी” किया है। उन्होंने कहा, “अगर लोकसभा में हम जीत सकते हैं, तो फिर कुछ महीनों में बीजेपी को इतना बड़ा बहुमत कैसे मिल गया?” उन्होंने सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में वास्तव में चुनाव हुए ही नहीं, बल्कि परिणाम पहले से तय थे।
क्या है पूरा विवाद ?
बता दें कि, राहुल गांधी ने 2024 में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने चुनाव में मैच फिक्सिंग की तरह से धांधली की। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कैसे धांधली की गई और बीजेपी को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने इसे ‘चुनाव कैसे चुराया जाए?’ शीर्षक दिया।
राहुल गांधी ने लिखा, “मेरा लेख दिखाता है कि यह कैसे हुआ।” अपने लेख के साथ पांच चरणों को उन्होंने साझा करते हुए लिखा…
पहला चरण- चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में धांधली करना
दूसरा चरण- फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ना
तीसरा चरण- मतदान प्रतिशत को बढ़ाना
चौथा चरण- फर्जी मतदान को ठीक वहीं लक्षित करें जहां भाजपा को जीतना है
पांचवां चरण- सबूत छिपाना
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महाराष्ट्र चुनाव पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “यह देखना मुश्किल नहीं है कि भाजपा महाराष्ट्र में इतनी हताश क्यों थी? लेकिन यह धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है- जो पक्ष धोखा देता है वह मैच जीत सकता है, लेकिन संस्थानों को नुकसान पहुंचाता है।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के परिणाम जनता का विश्वास नष्ट करता है। सभी चिंतित भारतीयों को सबूत देखना चाहिए और खुद फैसला करें, जवाब मांगें। क्योंकि महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग अगली बार बिहार में होगी और फिर वहां जहां भाजपा हार रही होगी।
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप
इससे पहले अप्रैल के महीने में राहुल गांधी अमेरिका के बोस्टन में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा, वह समझौता कर चुका है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मतदान आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि अंतिम दो घंटे में लाखों वोट पड़ना भौतिक रूप से असंभव है।
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चुनाव आयोग ने बयान को बताया था बेतुका
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। निर्वाचन आयोग ने राहुल के दावों को निराधार करार दिया और इसे कानून के शासन का अपमान बताया। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और मतदाता सूची को लेकर लगाए गए निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं। चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।’]
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चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश
चुनाव आयोग ने कहा कि किसी की ओर से फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने ही राजनीतिक दल की ओर से नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की छवि भी धूमिल करती है। यह लाखों चुनाव कर्मचारियों का मनोबल गिराती है, जो चुनाव के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं। मतदाताओं की ओर से किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है।
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