कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का दबदबा अब भी इस खेल संस्था पर कायम है. महिला पहलवानों की ओर से लगाए आरोपों के चलते हुए तमाम विवादों के बाद भी उनके करीबी संजय सिंह ने अध्यक्ष का चुनवा जीत लिया है.
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब भी बैकडोर से ही सही, लेकिन कुश्ती महासंघ की कमान बृजभूषण शरण सिंह के हाथ में ही रहेगी. संजय सिंह को कुल 47 में से 40 वोट मिले हैं. उनका मुकाबला अनीता श्योरान से था. अनीता ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले पहलवानों का समर्थन प्राप्त था.
बृज भूषण शरण सिंह 12 सालों से लगातार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने हुए थे. उनके खिलाफ इस साल की शुरुआत में ही महिला पहलवानों ने आंदोलन छेड़ दिया था और उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इस मामले में भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली पुलिस जांच भी कर रही है. इसी के चलते बृजभूषण को पद से हटना पड़ा और यह तय हुआ था कि वह खुद या उनके परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य भी चुनाव में नहीं उतरेगा. इसके बाद उन्होंने अपने करीबी संजय सिंह को चुनाव में उतार दिया, जिनको बड़ी जीत मिली है.
MP के CM मोहन यादव नहीं बन पाए उपाध्यक्ष, चुनाव में हारे
संजय सिंह पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. कुश्ती महासंघ के चुनाव में अहम बात यह है कि मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को भी हार का सामना करना पड़ा है. वह उपाध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए थे. अध्यक्ष पद के अलावा 4 वरिष्ठ उपाध्यक्षों, 4 उपाध्यक्षों, एक जनरल सेक्रेटरी, एक कोषाध्यक्ष और दो संयुक्त सचिवों का चुनाव कराया गया है. इसके अलावा 5 कार्यकारी सदस्यों को भी चुना गया. बता दें कि संजय सिंह ने पहले ही दावा किया था कि उन्हें ज्यादातर राज्यों के कुश्ती संघों का समर्थन हासिल है.
संजय सिंह ने पहले ही कर दिया था जीत का दावा
उनका कहना था कि पहलवान बिरादरी के लोग जानते हैं कि कुश्ती संघ की बेहतरी के लिए किसने काम किया है. इसलिए वे वोट डालते समय इस बात का ध्यान रखेंगे. कुश्ती महासंघ के चुनाव जुलाई में ही शुरू हुए थे, लेकिन कोर्ट के मामलों की वजह से लटक गए थे. यही नहीं अंत में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ ने संगठन को निलंबित भी कर दिया था. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव की राह साफ हुई थी.
क्या बोले संजय सिंह?
चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह ने कहा कि अब राष्ट्रीय शिविर (कुश्ती के लिए) आयोजित किए जाएंगे. जो पहलवान राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति कर सकते हैं, जो कुश्ती करना चाहते हैं वे कुश्ती करेंगे.
वहीं बृजभूषण सिंह के दामाद विशाल सिंह ने रिजल्ट के बाद कहा कि हमारे पूरे पैनल ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा, ”हमारे सभी पैनल की जीत हुई है. सभी अच्छे बहुमत से जीते हैं. गिनती चल रही है तो अधिकारिक नंबर जल्द ही आ जाएंगे. पिछले कुछ दिनों में कुश्ती को नुकसान हुआ. हमारे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन कर सकते थे, लेकिन जो भी पिछले कुछ दिनों में हुआ उसका नुकसान हुआ.”