नई दिल्ली. आबकारी नीति कथित घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की तरफ से उनके अधिवक्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि धनशोधन कानून को उत्पीड़न का साधन बनाया जा रहा है. आप सांसद की तरफ से यह दलील उनकी रिहाई की मांग संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई.
राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी अवैध, दुर्भावनापूर्ण और सत्ता के विरूपण का क्लासिक मामला है. इसलिए उन्हें एजेंसी की हिरासत में भेजने के विशेष अदालत के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ के समक्ष कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम दुरुपयोग का साधन नहीं बन सकता. यदि ऐसी छूट दी जाती है तो कोई भी सुरक्षित नहीं है. यह दुरुपयोग और शक्ति के विरूपण का एक उत्कृष्ट मामला है.
नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाई ईडी
संजय सिंह ने रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देते हुए पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय का रुख किया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं.