रायपुर. आरडीए में अध्यक्ष रहते संजय श्रीवास्तव ने 86 करोड़ रुपए का फायदा जमीन मालिकों को पहुंचाने का आरोप किरणमयी नायक ने लगाया है. उन्होंने संजय श्रीवास्तव के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की है.

किरणमयी नायक ने दस्तावेजों के साथ इस पूरे मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में की है. किरणमयी नायक का आरोप है कि आरडीए की योजना क्रमांक 32 देवेंद्र नगर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स पंडरीतराई में पहले से स्वीकृत लेआउट में परिवर्तन किया गया और अतिरिक्त भूमी का आबंटन बिना सीमांकन कराए करीब 23 हज़ार स्कवेयर फीट ज़मीन 7 बड़े लोगों को अलॉट कर दिया गया. किरणमयी नायक का ये भी आरोप है कि अतिरिक्त भूमी का लेआउट भी पास नहीं कराया गया और न ही टेंडर कराया गया और आरडीए ने सिचाई विभाग की जमीन को लेकर भी अवैध तरीके से लोगों को अलॉट कर दिया गया.

किरणमयी नायक का कहना है कि इसी जमीन के कुछ हिस्सों को आरडीए ने टेंडर के माध्यम से बेचा था, जिसमें प्रति वर्ग फीट 33 हजार 733 रुपए का रेट आया था. अगर इसी को आधार माना जाए तो 23292 स्क्वेयर फीट जमीन की कीमत 78 करोड़ 57 लाख 9036 रुपए होती है, जो 7 लोगों को मुफ्त में आबंटित कर दिया गया.

किरणमयी नायक ने ईओडब्ल्यू में जो शिकायत की है उसके मुताबिक सन 1980 में आरडीए ने पितांबर सुंदरानी, गुरमीत कौर, जसपाल सिंह एवं आरती महसके, कांताबेन राठोड़, योदेश सोलंकी और सरदारी लाल गुप्ता की करीब 1.2 हेक्टेयर जमीन ली थी. ये जमीन वर्षों तक यू ही खाली पड़ी रही. 2005 में आरडीए के दोबारा अस्तित्व में आने के बाद क्लॉथ मार्केट की योजना बनी.  जिसके बाद जमीन मालिकों ने मुआवजे की मांग की. इसके लिए वे हाईकोर्ट भी गए. हाईकोर्ट ने आरडीए को मामले के निराकण के आदेश दिए. किरणमयी नायक का दावा है कि  अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कही भी 35 प्रतिशत विकसित जमीन लौटाने की बात नहीं की थी और करीब 79 करोड़ की जमीन उक्त 7 लोगों को दे दी गई. इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि 79 करोड़ के अलावा 10 प्रतिशत पंजीयन शुल्क का भी नुकसान संजय श्रीवास्तव आरडीए अध्यक्ष रहते हुए शासन को पहुंचाया.

किरणमयी नायक का कहना है कि जब ज़मीन ली गई थी. तब ज़मीन की कीमत साढ़े नौ हज़ार रुपये एकड़ थी. जिसमें हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 12.5 प्रतिशत ब्याज़ की दर से भुगतान करने की नोटशीट चल गई थी. चेक भी जारी कर दिए गए थे लेकिन लोगों ने चेक लेने से मना कर दिया था. किरणमयी नायक का कहना है कि इसमें कई ज़मीनों की कई बार खऱीदी बिक्री भी हो गए.