रायपुर. कुछ लोग कितनी ही अच्छी तैयारी करें किन्तु परीक्षा के समय या परीक्षा हाल में तनाव में आ जाते हैं, और पढ़ा हुआ भी भूल जाते हैं. अच्छे से तैयार किए विषय में सोचे अनुसार सफलता मिलने तथा आत्म विश्वास बनाए रखने में आपका प्रयास तो काम करता ही है इसके साथ ही अपनी रूचि और योग्यतानुसार किसी एक लक्ष्य तथा दिशा का चुनाव कर उस कार्य को तत्परतापूर्वक स्थायी रूप से करने से सफलता निश्चित ही प्राप्त होती है और इसके लिए ग्रह दशाओं को अनुकूल करना भी अत्यंत आवश्यक होता है.

यदि किसी को परीक्षा में तैयार किए अनुसार अंक प्राप्त करना हो तो उसे अपनी कुंडली का अध्ययन कराया जाना चाहिए और कुंडली के तीसरे एवं एकादश स्थान का अध्ययन कर देखना चाहिए कि कहीं तीसरे स्थान का स्वामी कमजोर है, तो कमजोर मानसिकता के कारण आत्मविश्वास की कमी के चलते परीक्षा में आत्मविश्वास बाधक होता है. अतः तनाव से बचने और आत्मविश्वास प्राप्ति के लिए गणपति अर्थव का पाठ कर सत्यनाराण कथा करने, पौधों का दान करनें और वृक्ष रोपना चाहिए.

इसके आलावा गणेश पूजा करने से भी ज्ञान और बुधि बढ़ता है इसलिए गणेश पूजा व्रत करना चाहिए. परीक्षा हाल में प्रवेश करने से पहले इलायची खाना चाहिए. इससे आपको अच्छे अंक प्राप्त होंगे और आपका आत्मविश्वास भी बढेगा.

संकष्टी चतुर्थी व्रत एवं पूजा विधि

  1. संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. उसके बाद रात संकष्टी चतुर्थी व्रत, गणेश पूजा का संकल्प लें.
  2. पूजा स्थान पर आप गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. अब गंगाजल से अभिषेक करें, चंदन लगाएं.
  3. गणेश जी को वस्त्र, फूल, माला, 21 दूर्वा, फल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, मोदका का भोग अर्पित करें.
  4. गणेश चालीसा का पाठ करें, उसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें.
  5. पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें. फिर दिनभर फलाहार करते हुए भगवत भजन करें.
  6. रात के समय चंद्रमा को जल अर्पित करें और पूजा करें. उसके बाद पारण करें. यदि आप उसी दिन पारण नहीं करते हैं, तो अगले दिन कर लें.