संतान सप्तमी के दिन महिलाएं अपने बच्चे की लम्बी उम्र और तरक्की के लिए व्रत रखकर भगवान सूर्य ओर लड्डू गोपाल की पूजा अराधना करती है. साथ ही संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. इस बार यह व्रत 22 सितंबर को महिलाएं रखेंगी. दिन शुक्रवार रहने के कारण इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इस दिन से महालक्ष्मी व्रत की भी शुरुआत होने जा रही है. आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत बहुत अहम माना गया है. करीब 150 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है.
निःसंतान महिलाएं इस दिन व्रत रखकर भगवान सूर्य और लड्डू गोपाल यानि कृष्ण भगवान के छोटे स्वरुप की अगर सच्चे मन से पूजा आराधना करती है तो उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है. सबसे खास बात यह है कि इस दिन राधाअष्टमी भी पड़ रहा है. करीब 150 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है. महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामने के साथ ही संतान सप्तमी का व्रत रखती है. इस व्रत को ललिता सप्तमी भी कहते हैं. Read more – अंबानी परिवार की गणेश चतुर्थी पूजा में पहुंची Rekha, डॉर्क मरून कलर की साड़ी में लगी कयामत …
पूजा का शुभ मुहूर्त:
संतान सप्तमी की शुरुआत 21 सितंबर दिन बृहस्पतिवार दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से होने जा रहा है. वहीं इसका समापन अगले दिन 22 सितंबर दिन शुक्रवार दोपहर 03 बजकर 35 मिनट पर होने वाला है. लेकिन उदया तिथि के अनुसार संतान सप्तमी का व्रत 22 सितंबर को रखा जाएगा. वहीं पूजा करने का शुभ मुहूर्त पहले सुबह 05 बजकर 22 मिनट से सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक रहने वाला है. इसके साथ ही शाम में 06 बजकर 09 मिनट से लेकर 08 बजकर 43 मिनट तक लड्डू गोपाल की पूजा अवश्य करें. Read More – Ganesh Chaturthi Recipe : बप्पा को लगाएं चॉकलेट मोदक का भोग, बप्पा हो जाएंगे खुश …
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