सारण। जिले के मढ़ौरा में स्थित वेबटेक रेल इंजन कारखाने ने इतिहास रच दिया है। यहां निर्मित देश का पहला ‘मेड इन इंडिया’ डीजल लोकोमोटिव इंजन जल्द ही पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी गणराज्य के लिए रवाना होगा। इस ऐतिहासिक मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं हरी झंडी दिखाकर इसे विदा करेंगे।यह उपलब्धि न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब भारतीय ज़मीन पर बना रेल इंजन विदेशी धरती पर दौड़ेगा।
6000 हॉर्सपावर के इंजन तैयार
मढ़ौरा रेल इंजन फैक्ट्री, जो अमेरिकी कंपनी वेबटेक और भारत सरकार के रेल मंत्रालय का संयुक्त उपक्रम है, में पर्यावरण के अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत 4500 और 6000 हॉर्सपावर के इंजन तैयार किए जाते हैं। यह इंजन अंतरराष्ट्रीय उत्सर्जन मानकों के अनुरूप हैं और इनकी गति 100 किमी प्रति घंटा तक होती है।
मांग को लेकर अनुबंध जारी
साल 2007 में शिलान्यास और 2019 में पहले इंजन के निर्माण के साथ शुरू हुई यह यात्रा अब वैश्विक पहचान की ओर अग्रसर है। अब तक भारतीय रेल को 700 से अधिक इंजन की आपूर्ति की जा चुकी है और भविष्य में भी निर्यात और घरेलू मांग को लेकर अनुबंध जारी हैं।
वैश्विक स्तर पर नई पहचान
गिनी गणराज्य के साथ हुए 100 इंजनों के निर्यात समझौते ने मढ़ौरा फैक्ट्री को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी है। यह कदम मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने वाला है और भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक भी।यह केवल एक सौदा नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी आत्मविश्वास और औद्योगिक प्रगति का प्रतीक है।
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