सरगुजा- जनपद पंचायत चुनाव के ढाई साल बाद हुए ऱाजनीतिक उठापठक के बाद अब कांग्रेस ने दावा किया है कि हाथ का साथ छोड़कर कमल का फूल थामने वाले चेहरे अब पार्टी में लौट आए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर आऱोप लगाया है कि राजनीतिक फायदे के लिहाज से संगठन ने जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों को छलपूर्वक सदस्यता दिला दी थी. कांग्रेस का कहना है कि सरगुजा में नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव सबसे मजबूत चेहरा हैं, लिहाजा घर वापसी सिंहदेव की बड़ी जीत हैं.
दरअसल मामला पंचायत चुनाव के दौरान जनपद पंचायत चुनाव से जुड़ा हुआ है. चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए संगठन ने तय किया था कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का कार्यकाल ढाई-ढाई साल तक का होगा. ढाई साल बीत जाने के बाद नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. जैसे ही ढाई साल का वक्त बीता, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को इस्तीफा देने को कहा गया, लेकिन इस मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों को संगठन की सदस्यता दिलाते हुए जनपद पंचायत में कमल खिला दिया था.
अब बदलती राजनीतिक बयार के बीच बीजेपी का दामन थामने वाले तमाम चेहरे अब घर वापसी करते हुए कांग्रेस में आ गए हैं, हालांकि कहा ये जा रहा है कि उन्होंने बीजेपी की सदस्यता कभी नहीं ली है. जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता कहा कि अंबिकापुर ग्रामीण में बीजेपी की स्थिति शून्य है. जनपद का एक भी प्रतिनिधि बीजेपी का नहीं है. यही वजह है कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत तोड़फोड़ की राजनीति करते हुए बीजेपी ने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष समेत 8 जनपद सदस्यों को आनन फानन में 5 अगस्त को भगवा गमछा धारण करा कर सदस्य बना लिया था. जबकि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा अन्य जनपद सदस्यों ने बताया कि – जनपद उपाध्यक्ष द्वारा बैठक की बात कह कर लाया गया था, जहां उन्हें माला पहना कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी गई, वहीं कुछ सादे कागज में दबाव पूर्वक हस्ताक्षर करा लिया गया.
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने कहा है कि जिला पंचायत सरगुजा में भाजपा के पास अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के अलावे कोई दूसरा प्रतिनिधि उनका नहीं है, वहीं स्थिति अम्बिकापुर जनपद की है, जहां उनकी उपस्थिति शून्य है, इसे ही दूर करने वे तोड़-फोड़ की राजनीति पर अमादा हैं. यदि भाजपा की सरकार ने इतना ही अच्छा कार्य किया है तो फिर जिला पंचायत एंव जनपद में भाजपा के प्रत्याशियों की स्थिति उसके अनुकुल क्यों नही है? सच तो यह है कि भाजपा के दोहरे चरित्र एवं गलत तरिके से लोगों भटकाने एवं छल कपट की राजनीति के कारण लोगों का अब इनसे मोह भंग हो गया है, यहीं कारण है कि वे इस तरह की राजनीति कर रहे हैं.
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 8 जनपद सदस्यों में से 4 सदस्यों गायत्री यादव, सुखराम चेरवा, नीता राजवाड़े, सुनील खसरो ने नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव से मुलाकात करते हुए उन्हें बताया कि उन्होंने बीजेपी की सदस्यता कभी नहीं ली. बयान में यह भी कहा गया है कि जनपद अध्यक्ष पूनम टेकाम के पति पूरन सिंह टेकाम को भी भगवा गमछा धारण करा कर बीजेपी का सदस्य बना दिया, जबकि पूरन सिंह टेकाम वन विभाग में कर्मचारी हैं, आखिर कैसे किसी शासकीय कर्मचारी को किसी पार्टी विशेष का सदस्य बनाया जा सकता है. जनपद अध्यक्ष के पति पूरन सिंह टेकाम को ढाल बनाते हुए बीजेपी ने कांग्रेसी जनपद सदस्यों को छल पूर्वक अपने साथ मिलाने का घिनौना कृत्य किया है, जिसका जवाब जनता पिछले कई चुनाव से अम्बिकापुर ग्रामीण के परिणाम के रूप में देती आ रही है और आगे भी देती रहेगी.