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राजस्थान का सरिस्का टाइगर रिजर्व में सफारी करना अब हुआ महंगा, यहां जाने नई दरें

राजस्थान. पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान कितना समृद्ध राज्य है इस बात से तो सभी परिचित हैं ही. यहां खूबसूरत हवेलियों, छतरियों, पैलेस के साथ ही बहुत ही अच्छे अच्छे अभ्यारण्य भी हैं, जहां आकर प्रकृति प्रेमी वन्य जीवों को करीब से देख सकते हैं. राजस्थान के अभ्यारण्यों की बात करें तो अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व का नाम प्रमुख रूप से आता है. सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों घूमने आने वालों के लिए ये नई खबर आई है कि यहां सफारी करना अब महंगा हो गया है.  सफारी के लिए पर्यटकों को फीस व जिप्सी की बढ़ी हुए दर चुकानी होगी. पूर्व में सफारी के लिए एडवांस बुकिंग कराने वाले पर्यटकों के लिए 27 जनवरी से ये बढ़ी दर लागू हो गई है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के बारे में जाने यहां

सरिस्का टाइगर रिजर्व राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित एक भारतीय राष्ट्रीय उद्यान है. यह इलाका पूर्ववर्ती अलवर राज्य का शिकार क्षेत्र था और इसे 1955 में एक वन्यजीव रिजर्व घोषित किया गया. 1978 में, इसे भारत की प्रोजेक्ट टाइगर योजना का एक हिस्सा बनाने के लिए एक बाघ आरक्षित का दर्जा दिया गया था. इस राष्ट्रीय उद्यान में कई जंगली प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें चार सींग वाले हिरण, जंगली सूअर, लंगूर, कैरकल, सांभर और चीटल होते हैं. इसमें गीकल, हाइना, जंगल बिल्ली, तेंदुआ, बंगाल बाघ और पक्षियों की कुछ प्रजातियां भी शामिल हैं. राष्ट्रीय उद्यान की बाघ की आबादी लगभग 2005 में गायब हो गई थी. हालांकि, राजस्थान राज्य सरकार और भारत के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा कुछ निरंतर प्रयासों के बाद, आपदा को रद्द कर दिया गया था.

सरिस्का टाइगर रिजर्व का इतिहास

इस क्षेत्र में अलवर के महाराज और सरिस्का पैलेस के साथ जुड़ाव है. इस महल को प्रसिद्ध और महान महाराज जय सिंह के शाही शिकार केबिन के रूप में इस्तेमाल किया गया था. सरिस्का टाइगर रिजर्व, प्राचीन मत्स्य साम्राज्य का एक हिस्सा था और ऐसा माना जाता है की निर्वासित पांडवों ने यहाँ आश्रय लिया था . हिंदू महाकाव्य “महाभारत” के अनुसार यह माना जाता है कि भीम ने पांडु पोल में अपनी कुंडल के साथ चट्टान को कुचल दिया और अभयारण्य में एक कण्ठ के माध्यम से एक मार्ग बनाया.

अब बढ़ी हुई फीस (sariska tiger reserve safari price)

कोर एरिया में जिप्सी गाइड की प्रति पर्यटक फीस पहले 125 थी जो अब 140 हो गई है. इसी तरह केंटर गाइड की प्रति पर्यटक फीस पहले 43 रुपए थी जो अब 50 रुपए हो गई है. प्रति पर्यटक जिप्सी दर 485 रुपए से बढ़ाकर 535 रुपए कर दी गई है. प्रति पर्यटक केंटर दर 400 रुपए से बढ़ाकर 440 रुपए कर दी गई है. बफर क्षेत्र बालाकिला में जिप्सी दर प्रति वाहन 1000 से 1300 कर दी गई है. वहीं, गाइड फीस प्रति वाहन 200 से बढ़ाकर 300 रुपए कर दी गई है.

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