रायपुर। भूपेश सरकार ने दिल्ली से नेत्रियों को बुलाकर नृत्य और गाना बजाना किया, लेकिन अपने प्रदेश की बहनों की पीड़ा सुनना भी जरूरी नहीं समझा. प्रदेश की बहनों का सबसे बड़ा त्योहार तीजा है, लेकिन संवेदनहीन सरकार गंगाजल लेकर किए वादे से भी मुकर गई और शराब को गांव-गांव तक पहुंचाने का कृत्य किया. यह बात राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने कही.
महासमुंद जिले के डुमरपाली गांव पहुंचकर राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने तीजा में अपने मायके नहीं जाने वाली महिलाओं से मुलाकात कर उनके लिए तीजा लेकर पहुंची. इस दौरान उन्होंने कहा कि डुमरपाली की बहनों ने भूपेश सरकार को शराबबंदी के वादे की याद दिलाई और प्रदेश में महिलाओं के बीच व्याप्त रोश दिखाने के लिए मायके न जाने व अपनी बेटियों को मायके नहीं बुलाने का निर्णय लिया.
सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बेटियां मायके जाने से डरे और बेटियों को लाने से पूर्व डर का वातावरण हो तो छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था का हाल समझा जा सकता हैं. महिलाओं के साथ अनाचार, सामूहिक दुष्कर्म के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन चुका हैं. इस दौरान सांसद चुन्नीलाल साहू, महासमुंद जिलाध्यक्ष रूप कुमारी, किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डाॅ. विमल चोपड़ा मौजूद थे.
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