रायपुर। आरटीआई कार्यकर्ता और काँग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने बयान जारी कर कहा कि रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर राजनीति करना बहन सरोज पांडे को शोभा नहीं देता. अव्वल तो छत्तीसगढ़ में राजनीतिक स्थिरता के लिए जूझ रही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पास कहने को कुछ नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में कुछ प्रयत्नशील नेता और नेत्री मीडिया की सुर्खियाँ बने रहने के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं. भले ही उन्हें किसी का आईडिया चुराना पड़े. जी हाँ! मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि छत्तीसगढ़ की भाजपा नेत्री और राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे, मनेंद्रगढ़ की महिलाओं का आईडिया चोरी करते हुए मुख्यमंत्री को राखी भेजी है और बदले में शराबबंदी की मांग की है.

ज्ञात हो कि मनेंद्रगढ़ में एक मुहिम के तहत कुछ महिलाओं ने मेडिकल कॉलेज (जो कि काफी समय से लंबित है) की मांग के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी भेजी थी और बदले में मेडिकल कॉलेज जल्द से जल्द बनवाने की मांग की थी.

संजीव अग्रवाल ने कहा कि शराबबंदी की मांग जायज़ है और शराब बंदी केवल एक राज्य में ही नहीं अपितु संपूर्ण देश में होनी चाहिए. जिसके लिए सांसद को चाहिए कि अपने भाई, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके चाणक्य देश के गृहमंत्री अमित शाह को यह प्रस्ताव देते हुए कहें कि शराबबंदी से संबंधित एक विधेयक संसद में पास करवा कर इसे कानून की संज्ञा दें, ताकी देश में न शराब बने ना, शराब बिके. क्योंकि शराबबंदी तो गुजरात में भी लागू है, लेकिन क्या वहाँ शराब नहीं मिलती? यह एक बड़ा प्रश्न है.

जहां एक तरफ अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, तो उन्हें चाहिए कि लोकसभा और राज्यसभा से शराबबंदी पर एक बिल पास करवा कर इसे कानून की शक्ल दें ताकि संपूर्ण देश में शराब बंदी लागू की जाए. बहन सरोज पांडे को अपने भाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी राखी के बदले इस बड़े उपहार को मांग कर पूरे देश की जनता का कल्याण करना चाहिए. यकीन मानिए बहन आप आगामी समय में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री कैंडिडेट का नया चेहरा हो सकती हैं अगर आपने यह कार्य कर लिया तो.