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रामेश्वर मरकाम, धमतरी। एक तरफ सरकार गरीबों के रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना रही है तो वहीं दूसरी ओर धमतरी में पंचायत प्रतिनिधि सरकार के इन्हीं योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। मामला पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के इलाके के दरबा गांव का है, जहां एक गरीब के आशियाने को महज इसलिए उजाड़ दिया गया क्योंकि उसने सरपंच पति को मकान के एवज में पैसे देने से इंकार कर दिया। ऐसे में अब पीड़ित परिवार को दर दर की ठोकरें खाने मजबूर होना पड़ रहा है। पीड़ित परिवार ने प्रभारी मंत्री से न्याय की गुहार लगाई है ।
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कुरूद इलाके के दरबा गांव में रहने वाले कृष्णकुमार देवागंन के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास की स्वीकृति हुई जिसके बाद हितग्राही के खाते में बकायदा पैसा भी आ गया। इसके बाद पंचायत के सहमति से हितग्राही कृष्णकुमार ने अपने पट्टे वाली जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया और लगभग मकान का निर्माण कार्य पूरा होने वाला था।
इस बीच सरपंच पति और वार्ड पंच ने अंतिम किश्त जारी कराने के एवज में हितग्राही से 15 हजार रूपए की डिमांड की लेकिन जब हितग्राही ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो सरपंच पति ने बिना नोटिस दिए हितग्राही के मकान को जेसीबी से ढहा दिया। ऐसे में अब हितग्राही और उनका पूरा परिवार सड़क पर आ गया है और उन्हे दर-दर की ठोकंरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इस पूरे मामले में सरपंच पति का कहना है कि कृष्णकुमार का मकान अतिक्रमण में दायरे में था । चूकि जहां पर उनका मकान है वहां से गली गुजरती है ऐसे में आवाजाही में दिक्कते हो रही थी । इसलिए पंचायत प्रस्ताव पारित करके उनके मकान सहित जो अन्य 12 अतिक्रमणकारी थे उनके मकान को भी ढहाया गया है। बहरहाल पीड़ित हितग्राही सरपंच पति और वार्ड पंच पर पैसे के डिमांड का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की है। इसके अलावा उसने प्रभारी मंत्री रमशीला साहू से भी शिकायत की है।