अमृतसर. किसानों द्वारा एमएसपी और 13 अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर किए जा रहे प्रदर्शन को एक साल पूरा होने वाला है। इस मौके पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और मनजीत सिंह राय अपने समर्थकों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली के बड़े काफिले के साथ शंभू बॉर्डर पहुंचे।

शंभू सीमा पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “रवनीत बिट्टू कहते थे कि किसानों की जांच होनी चाहिए। अब तो सरकार भी उन्हीं की है और CBI भी उन्हीं की है। तो फिर वे किसानों की जांच क्यों नहीं करवा रहे? CBI को एक दिन के लिए रवनीत बिट्टू की भी जांच करनी चाहिए, किसान खुद जांच के लिए तैयार हैं।”

बाबा साहेब की मूर्ति तोड़ने पर जताई आपत्ति

पंधेर ने कहा कि अमृतसर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना एक साजिश का हिस्सा लगती है। मौजूदा किसान आंदोलन सभी वर्गों के सहयोग से चलाया जा रहा है, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि लोगों का ध्यान आंदोलन से भटकाने की कोशिश की जा रही है।

महाकुंभ भगदड़ की गहन जांच की मांग

महाकुंभ में हुई भगदड़ पर सवाल उठाते हुए पंधेर ने कहा कि इसके पीछे क्या साजिश थी, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। पूरे देश और दुनिया को सच्चाई का पता लगना चाहिए।

बजट को लेकर जताई चिंता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को इस बजट से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। यह बजट कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में होगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल कृषि बजट घटा दिया गया था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाया जाना चाहिए।

पंधेर ने कहा कि इस बजट में देखा जाएगा कि सरकार किसानों और मजदूरों के लिए क्या घोषणाएं करती है। साथ ही, मनरेगा मजदूरों के लिए इसमें क्या विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश सिर्फ बजट से नहीं चलता, बल्कि नीतियों में पारदर्शिता और न्याय होना भी जरूरी है।

दिल्ली चुनाव और यमुना प्रदूषण पर किसानों की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, किसानों ने दिल्ली चुनावों के संदर्भ में यमुना नदी के प्रदूषण पर भी अपनी राय रखी और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।