अविनाश श्रीवास्तव/सासाराम। रोहतास जिले के सदर अस्पताल से बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता उजागर करने वाली घटना सामने आई। नोखा थाना क्षेत्र के तेनुआं गांव से अपनी घायल पुत्री के इलाज के लिए अस्पताल आए एक पिता को अस्पताल में व्हीलचेयर तक नहीं मिली। मजबूर पिता को अपनी जवान बेटी को पीठ पर उठाकर अस्पताल के एक विभाग से दूसरे विभाग तक ले जाना पड़ा, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए।

बेटी का पैर फ्रैक्चर हो गया था

पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी बेटी का पैर फ्रैक्चर हो गया था। बेहतर इलाज के लिए वे उसे सदर अस्पताल लेकर आए, लेकिन अनुरोध के बावजूद उन्हें व्हीलचेयर नहीं दी गई। बेटी का पैर फ्रैक्चर होने के कारण वह चल नहीं सकती थी, इसलिए पिता को उसे कंधे पर उठाकर डॉक्टर के पास और एक्स-रे जांच के लिए ले जाना पड़ा।

घायल बेटी की मदद नहीं की

अस्पताल परिसर में यह दृश्य स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के सामने था, लेकिन किसी ने पिता और घायल बेटी की मदद नहीं की। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों को व्हीलचेयर जैसी बुनियादी सुविधा भी न मिलना सरकार के दावों पर सवाल उठाता है।

बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं

हालांकि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। इस घटना ने न केवल सदर अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता को भी पूरी तरह उजागर किया है।