पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जहां एक ओर सभी दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सासाराम से प्रत्याशी सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी से सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्येंद्र साह को नामांकन के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार उन पर झारखंड के गढ़वा जिले में वर्ष 2004 में दर्ज एक डकैती के मामले में स्थायी वारंट जारी था। इस केस में वे काफी समय से फरार चल रहे थे। जैसे ही वे सासाराम में नामांकन भरने पहुंचे पुलिस पहले से ही सतर्क थी। नामांकन के बाद बाहर निकलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था
सत्येंद्र साह को करगहर थाना क्षेत्र की पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन्हें गढ़वा कोर्ट में पेश करने के लिए झारखंड भेजा गया है। इस गिरफ्तारी से राजद को चुनावी रणनीति में झटका लगा है क्योंकि सत्येंद्र साह को पार्टी ने वर्तमान विधायक राजेश गुप्ता का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था।
आगे की कार्रवाई झारखंड पुलिस करेगी
एसडीपीओ-1 सासाराम, दिलीप कुमार ने मीडिया को बताया कि सत्येंद्र साह के खिलाफ कई दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह गिरफ्तारी एक पुराने वारंट के आधार पर की गई है और आगे की कार्रवाई झारखंड पुलिस द्वारा की जाएगी।
संस्कृति कभी नहीं बदली
इस मामले ने विपक्ष ने सरकार को हमला करने का नया मौका दे दिया है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा इसी तरह के लोगों को टिकट देने की परंपरा राजद में आज भी जारी है। उनकी संस्कृति कभी नहीं बदली। उन्होंने कहा कि 15 साल तक राजद की सरकार में ऐसे ही अपराधियों को संरक्षण मिला, जिसकी वजह से बिहार की छवि खराब हुई। संजय झा ने कहा ऐसे लोग थे जिनकी वजह से हम बिहारी होने पर शर्म महसूस करते थे। आज भी वही चेहरे टिकट पा रहे हैं, जंगलराज के प्रतीक जिन परिवारों से थे, उन्हीं को फिर से टिकट दिया गया है।
ऐसे दलों को सबक सिखाएंगे
उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार की जनता अब जागरूक है और 14 नवंबर को जब चुनाव नतीजे आएंगे तो वे ऐसे दलों को सबक सिखाएंगे जो अपराधियों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है। विपक्ष जहां राजद की चयन प्रक्रिया और उम्मीदवारों की छवि पर सवाल उठा रहा है, वहीं राजद की ओर से इस पर अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है । अब देखना यह होगा कि क्या राजद सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी के बाद नया उम्मीदवार उतारता है या चुनाव आयोग से विशेष अनुमति लेकर आगे बढ़ता है। पर इतना तय है कि यह मामला आने वाले दिनों में सियासी बहस का केंद्र बनेगा और चुनावी मुद्दों को अपराध और छवि की ओर मोड़ देगा।
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