सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल की लापरवाही का हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं। जिसने पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, जिला अस्पताल में डॉक्टर ने एक गर्भवती महिला के गर्भ में बच्चे को मृत बता दिया। लेकिन जब परिजन उसे निजी अस्पताल लेकर गए, तो वहां महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इस घटना के बाद जिला अस्पताल की घोर लापरवाही पर कई सवाल उठ रहे है।
जानकारी के मुताबिक, अमरपाटन के चकरा गांव निवासी दुर्गा द्विवेदी को लेबर पेन के बाद सतना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों ने जांच के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि बच्चा मर चुका हैं, अबॉर्शन करा लो। इतना ही नहीं अबॉर्शन फॉर्म में महिला के पति को हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा।

डॉक्टरों की बात सुनकर दुर्गा द्विवेदी और उसका पति हैरान रह गया। लेकिन उन्होंने डॉक्टर की बात नहीं मानी और उसे निजी अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने जांच की और बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ बताया। इसके बाद वहां दुर्गा द्विवेदी की सुरक्षित डिलीवरी की गई और उसने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया।
इस पूरी घटना के बाद एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे है। दुर्गा द्विवेदी के पति राहुल द्विवेदी और उनके घरवालों ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की बात मान लेते तो आज अपने बच्चे की किलकारी सुनने को नसीब नहीं होती। फिलहाल सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार मेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई की जा रही है।

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