कुवैत। एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में 58 साल का सूखा खत्म करते हुए सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने भारत को पुरुष युगल में गोल्ड मेडल दिलाया. कुवैत में रविवार शाम को आयोजित खिताबी मुकाबले में सात्विक और चिराग की जोड़ी ने खेल में वापसी का शानदार उदाहरण पेश करते हुए पहला गेम हारने के बाद अगले दो गेम में वापसी करते हुए मलेशिया के ओंग यू सिन और तियो ई यि को 16-21, 21-17, 21-19 से पराजित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए एशियाई बैंडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जोड़ी सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. इससे पहले इस चैम्पियनशिप में 1965 में भारत के दिनेश खन्ना ने लिए स्वर्ण पदक जीता था, जब उन्होंने लखनऊ में थाईलैंड के सांगोब रत्तनुसोर्न को पुरुष एकल फाइनल में हराया था. वहीं इसके पहले चैंपियनशिप में भारतीय पुरुष युगल टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक रहा है, जो 1971 में दीपू घोष और रमन घोष ने जीता था.

स्वर्ण पदक जीतने के बाद चिराग ने कहा कि मैं सातवें आसमान पर हूं. मैंने और सात्विक ने इस पदक के लिए काफी मेहनत की थी. मुझे खुशी है कि हमने खिताब जीता. मैं सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने हमारी हौसलाअफजाई की. वहीं सात्विक ने कहा कि पहली बार यह टूर्नामेंट जीतकर अच्छा लग रहा है. मुझे यकीन है कि भविष्य में और खिताब जीतेंगे. भारत का परचम लहराने के लिए मेहनत करते रहेंगे.

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