रायपुर। 3 दिन के एक हार्ट पेसेंट बच्चे की जान खतरे में है लेकिन मदद है कि मिल ही नहीं रही। परिजनों का आरोप है कि दिल की बीमारियों के इलाज के लिए मशहूर नया रायपुर स्थित सत्य साईं अस्पताल ने तो बच्चें के परिजनों को बाहर से ही भगा दिया। गरीब परिवार भटकते हुए एक निजी अस्पताल में जा पहुँचा।
दो दिनों तक मोटी फीस लेने के बाद निजी अस्पताल ने कह दिया बच्चें की स्थिति ठीक नहीं और फीस नहीं भर पाएंगे सरकारी अस्पताल ले जाए। पीड़ित परिवार अंबेडकर अस्पताल पहुँचा। अंबेडकर अस्पताल में मीडिया और सामाजिक सेवा संस्थान की मदद से बच्चें को भर्ती कर लिया।
फिलहाल अंबेडकर अस्पताल में इलाज जारी है। पीड़ित परिवार अंबिकापुर का रहने वाला है। दरअसल अम्बिकापुर के होली क्रॉस अस्पताल में गुप्तेश्वर की पत्नी चंदा की डिलीवरी ऑपरेशन के होने के बाद एक स्वस्थ बच्चे ने जन्म लिया, पर इनकी खुशियों में कुछ देर में ही परेशानियों में तब्दील हो गयी।
चिकित्सक ने 2 घण्टे बाद ही परिजनों से यह कह दिया कि बच्चे को गंभीर दिल की बीमारी है और होली क्रॉस अस्पताल में इसका कोई इलाज नहीं हो सकेगा, बच्चे को बाहर ले जायें सरगुजा के मेडिकल कालेज में भी इस गंभीर बीमारी का कोई इलाज नहीं होने से परिजन रायपुर पहुँचें। लेकिन रायपुर आने के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
सत्य साईं अस्पताल में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत बच्चों का आपरेशन होता है लेकिन वहां से कोई मदद ही नहीं। इस मामले में हमें स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य कमिश्नर, रायपुर कलेक्टर से संपर्क साधा लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। फिलहाल आर्थिक तंगी से जुझ रहे परिवार को मदद की दरकार है।