दिल्ली. भारत में योग करने को लेकर भले ही लोगों के अलग-अलग सुर हों, योग शिक्षिका राफिया नाज को धमकियां दी जा रही हों, उनके घर पर पथराव किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम देश सऊदी अरब में ऐसा नहीं है।
सऊदी सरकार ने योग को खेल का दर्जा दे दिया है। सऊदी अरब में ‘अरब योग फाउंडेशन’ की शुरुआत करने नऊफ मारवई ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी है।
12 नवंबर की अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘योग…जिसका शाब्दिक अर्थ ही जोड़ना है। लोगों के समूह को लोगों की भलाई से, एक शरीर को मन, भावनाओं और आत्मा से तथा किसी देश को विश्व से जोड़ने वाले योग की सऊदी अरब में आधिकारिक दस्तक हो गई है। इसने वैचारिक अतिवाद…कट्टरपन की सीमाओं को पार कर लिया है।’
उधर, मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सऊदी प्रशासन ने योग को खेल गतिविधियों में शामिल करते हुए इसे सिखाने की अनुमति दे दी है। अब अगर कोई योग का प्रचार या उसकी शिक्षा देना चाहता है तो वो लाइसेंस लेकर ऐसा कर सकता है। सऊदी अरब में योग को खेल का दर्जा ऐसे समय में दिया गया है जब भारत और कई दूसरी जगहों के मुस्लिम अपने धार्मिक नेताओं के दबाव में योग करने से इनकार कर रहे हैं। उनका दावा है कि योग ‘गैर-इस्लामिक’ है।
पिछले महीने रांची की योग शिक्षिका राफिया नाज को योग करने पर अपने समुदाय को लोगों के तीखे विरोध का सामना करना पढ़ा था। उसे कथित तौर पर धमकियां देकर योग न करने को कहा गया। कुछ शरारती तत्वों ने राफिया के घर पर पथराव भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। इस दिन दुनिया के कई देशों में एक साथ योग किया जाता है।