नई दिल्ली। सऊदी अरब सरकार ने मस्जिदों में बाहरी लाउडस्पीकर की आवाज कम रखने सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर को नहीं मानने पर कार्रवाई होगी. सरकार के इस फैसले से मुस्लिम कट्टरपंथी भड़क गए है. अब इस फैसले का सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्द अल लतीफ अल-शेख ने बचाव किया है. मंत्री ने सोमवार को कहा कि परिवारों की शिकायत के बाद मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करने का आदेश दिया गया है. परिवारों की शिकायत थी कि मस्जिदों में बजने वाले लाउडस्पीकर्स की वजह से बच्चों की नींद खराब हो जाती है.

सिर्फ अजान और इकामत में इस्तेमाल

दरअसल, मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर्स को लेकर मुस्लिम देश सऊदी अरब ने लाउडस्पीकर्स का सीमित इस्तेमाल करने को कहा है. इस्लामिक मामलों के मंत्री अब्दुललतीफ अल-शेख ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया. जिसमें मस्जिदों को केवल अजान (नमाज के लिए बुलावा) और इकामत (नमाज के लिए तकबीर) के लिए ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की बात कही गई है. सरकार के इस आदेश से मुस्लिम कट्टरपंथी भड़क उठे हैं.

सऊदी अरब सरकार ने ट्वीट के माध्यम से भी नए नियमों की जानकारी मुहैया कराई है. जिसमें कहा गया है कि लाउडस्पीकर के वॉल्यूम को उसकी क्षमता का एक तिहाई रखा. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक मस्जिदों से जुड़े लोगों को बाहरी लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल सिर्फ अजान और इकामत के लिए करना होगा. साथ ही आवाज भी कम रखनी होगी’

इस साल भी दिया था आदेश

वैसा, यह पहली बार नहीं हुआ कि सऊदी मंत्रालय ने देश की मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स को लेकर कोई आदेश दिया है. इस्लामिक मामलों को देखने वाले मंत्री ने अप्रैल 2019 में भी रमजान के दौरान मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स का वॉल्यूम कम रखने के लिए कहा था. तब इस आदेश पर सवाल भी थे और अब भी बवाल शुरू हो गया है. कट्टरपंथी संगठन इसके खिलाफ उतर आये हैं.

बता दें कि सऊदी अरब के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सार्वजनिक जीवन में धर्म की भूमिका को लेकर काफी सुधार किए हैं. उन्होंने कुछ सख्त सामाजिक प्रतिबंधों में भी ढील दी है. मस्जिदों में लाउडस्पीकर्स के कम इस्तेमाल संबंधी आदेश को भी धार्मिक क्रिया-कलापों में सुधार के तौर पर देखा जा रहा है.

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