दिल्ली. सऊदी अरब में महिलाओं ने बुर्के के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध जाहिर किया है. उन्होंने यह कहकर अपना विरोध जताया कि वे इसे उलटा पहनेंगी.
बड़ी तादाद में महिलाओं ने ट्विटर पर #इनसाइड आऊट अबाया (#inside-out abaya) के तहत बुर्के की तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिन्हें पहनने में वे दबाव महसूस करती रही हैं. सऊदी अरब समेत दुनिया के अनेक देशों में खासकर मुस्लिम महिलाएं सार्वजनिक स्थानों में बुर्का या अबाया पहनकर जाती हैं ताकि उनका पूरा शरीर ढका रहे.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अभी तक #इनसाइड आऊट अबाया का इस्तेमाल कर लगभग पांच हजार ट्वीट भेजे जा चुके हैं. इन्हें भेजने वालों में अधिकतर सऊदी अरब की महिलाएं हैं. सऊदी महिलाओं की इस पहल पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है. उन्होंने इसे विरोध करने का नया तरीका बताया है.
सऊदी अरब में दशकों से महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू है. इसके मुताबिक महिलाएं बुर्का पहने बिना सार्वजनिक स्थान पर नहीं जा सकतीं. अगर वे मुस्लिम हैं तब उन्हें सिर को ढकने वाला हिजाब भी पहनना पड़ता है.
हालांकि बीते मार्च महीने में सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य नहीं है. शरिया अर्थात इस्लामी नियमों में स्पष्ट कहा गया है कि महिलाओं को पुरुषों की तरह शालीन कपड़े पहनने चाहिए. उन्होंने कहा था, यह फैसला पूरी तरह महिलाओं को करना है कि वे अपने लिए किस तरह के कपड़ों को शालीन मानती हैं और चुनती हैं. शहजादे के इस बयान के बावजूद सऊदी महिलाओं को अपनी मर्जी के कपड़े पहनने की खुली छूट नहीं मिल पाई है. इसे लेकर उनके बीच खासी नाराजगी है.
सऊदी अरब में महिलाओं के लिए कानूनी तौर पर कई पाबंदियां लागू हैं. ऐसे अनेक काम हैं जिन्हें वे अपने पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना नहीं कर सकतीं. किसी सऊदी महिला का अभिभावक आम तौर पर उसका पति, पिता, भाई या बेटा होता है. इस कानूनी व्यवस्था ने सऊदी महिलाओं को पुरुषों के साथ बराबरी से दूर कर रखा है.
बीते साल सऊदी महिलाओं को वाहन चलाने की इजाजत दी गई लेकिन इसके लिए आवाज उठाने वाली कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था.