दिल्ली में पुराने या ‘एंड ऑफ लाइफ’ (ELV) वाहनों को पेट्रोल-डीजल भरने से रोकने के नियम में एक बार फिर बदलाव किया गया है. जो अब 1 नवंबर से लागू होगा. यह जानकारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मंगलवार को दी. पहले यह नियम 1 जुलाई से लागू होने वाला था, लेकिन इसे अब टाल दिया गया है. इस पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री सौरभ भारद्वाज(Saurabh Bhardwaj) ने बीजेपी पर कड़ा हमला किया है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार प्रतिदिन झूठ बोलती है. एक मार्च को सरकार का गठन हुए केवल एक सप्ताह हुआ था, और इसी दौरान एक मंत्री ने मीडिया में यह घोषणा की कि 31 मार्च से पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा. इसके बाद इस तिथि को बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया, और बड़े धूमधाम से यह प्रचारित किया गया कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा. भारद्वाज ने बताया कि जब आम जनता और आप पार्टी ने इसका विरोध किया, तो सरकार को आनन-फानन में अपना निर्णय वापस लेना पड़ा.

CAQM के पत्र ने BJP सरकार की पोल खोली

सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि CAQM के पत्र ने बीजेपी सरकार की सच्चाई उजागर कर दी है. उन्होंने बताया कि CAQM ने एनसीआर के विभिन्न राज्यों के विभागों के साथ मिलकर यह निर्णय लिया था कि 1 जुलाई से पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा. इसका अर्थ यह है कि सभी राज्य सरकारें इस योजना में शामिल थीं. अब वे केवल दिखावा कर रहे हैं, और यह साजिश वाहन डीलरों और कार निर्माताओं के लाभ के लिए बनाई गई है.

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भारद्वाज ने कहा कि यदि सरकार की मंशा स्पष्ट होती, तो वह संसद में अध्यादेश लाकर नया कानून बनाती. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी अब जनता के बजाय उद्योगपतियों और कार कंपनियों के हितों की रक्षा कर रही है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता को लेकर राजनीति की जा रही है, जबकि स्थायी समाधान के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है.

यह प्रतिबंध अब दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के पांच अधिक वाहन घनत्व वाले जिलों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत- में एक साथ लागू होगा.

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दिल्ली में ओवरएज वाहनों पर लगाई गई पाबंदियों में अब राहत मिली है, जो अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की हालिया बैठक में निर्णय लिया गया कि पुराने वाहनों पर ईंधन पाबंदी एक नवंबर से लागू होगी. यह अभियान दिल्ली के अलावा एनसीआर के पांच अन्य जिलों में भी चलेगा. दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM के इस फैसले को सकारात्मक बताया और कहा कि यह एक महत्वपूर्ण राहत है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और NGT का सहारा लेंगे और 1 नवंबर 2025 तक अन्य कार्यों को जारी रखेंगे.  दिल्ली के निवासियों को सूचित करना आवश्यक है कि 80 हजार पुरानी कारें जो नष्ट की गईं, उन्हें ओवरएज घोषित कर समाप्त कर दिया गया. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कोई नहीं जानता कि ये 80 हजार गाड़ियां कहां गईं. दिल्ली में आज तक कोई भी रजिस्टर्ड कार स्क्रैपिंग सेंटर नहीं है. जब दिल्ली में गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए कोई यूनिट नहीं है, तो ये पुरानी कारें आखिर गईं कहां? आम आदमी पार्टी ने इन लाखों की कीमत वाली गाड़ियों को हजारों रुपयों में कबाड़ियों को सौंप दिया.