शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मामले में एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इस बीच एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सौरभ शर्मा के फैमिली का 500 करोड़ के भ्रष्टाचार का कारोबार है। मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेश में सौरभ शर्मा के परिवार का साम्राज्य फैला हुआ है। जांच एजेंसी को विदेश में निवेश के सबूत मिले हैं।   

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जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा की पत्नी, ससुर, मां और बेटे सबके नाम काली कमाई है। इंदिरा सागर डेम का टेंडर पत्नी दिव्या के नाम पर रहा है। आरटीओ विभाग के पूर्व आरक्षक के इंदौर में तीन घर, ग्वालियर में 18 एकड़ जमीन उसकी पत्नी के नाम पर है।बेटे अभिरल के नाम लाखों रुपए की एफडी भी है। मां उमा, चेतन के नाम पर सूखी सेवनिया में वेयर हाउस, कोलार में एक स्कूल, मयूर विहार, अरेरा कॉलोनी, 11 नंबर, प्रधान मंडपम में 4 बंगले हैं। होशंगाबाद रोड, औबेदुल्लागंज रोड पर 3 पेट्रोल पंप, शाहपुरा में निर्माणाधीन स्कूल, इंदौर के विजयनगर के पास होटल, साथी शरद जयसवाल के नाम ई-8 में 3.30 करोड़ का घर, शाहपुरा में फजीटो नाम का रेस्टोरेंट भी है। 

विदेश में निवेश के मिले सबूत 

सौरभ शर्मा के विदेश में निवेश के भी जांच एजेंसी को सबूत मिले है। दुबई में आलीशान विला की जांच एजेंसी को जानकारी मिली है। 150 करोड़ का विला एमआर ग्रुप बिल्डर से खरीदा गया है। बता दें कि 16 दिसंबर को सौरभ शर्मा पत्नी के साथ दुबई भाग गया था। 

18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड, IT ने बरामद किया था सोना और कैश

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था।

सौरभ के घर से मिले थे करोड़ों रुपये

लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर भी छापा मारा था। जहां से वाहन, घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है। वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी।बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था।

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