हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। Sawan 2025: श्रावण मास का प्रथम सोमवार भगवान शिव की उपासना का विशेष पर्व होता है और ओंकारेश्वर जैसे ज्योतिर्लिंग स्थल पर इसकी भव्यता देखते ही बनती है। आज इस पावन अवसर पर ओंकारेश्वर तीर्थनगरी पूरी तरह शिवमय हो उठी। श्रद्धा, भक्ति और सनातन परंपराओं के संगम में आज नगर ने एक अलौकिक छवि प्रस्तुत की।
सुबह से ही दूर-दराज से श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान कर ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन को पहुंचे। तीर्थ नगरी की गलियों में “हर हर महादेव” और “जय ओंकारेश्वर” के जयघोष गूंजते रहे।
शाम को सावन सोमवार की विशेष शोभायात्रा मंदिर समिति द्वारा आयोजित की गई। भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर महादेव की सवारी मंदिर परिसर से रवाना होकर पहले नर्मदा घाट पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन-अभिषेक हुआ। इसके बाद भगवान की सवारी का नर्मदा नदी में नौका विहार हुआ, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत दिव्य एवं रोमांचकारी दृश्य रहा। नर्मदा के शांत जल में देव विहार मानो स्वयं शिव की उपस्थिति का आभास करा रहा था।
नौका विहार के पश्चात भगवान की सवारी नगर भ्रमण पर निकली, जो प्रमुख मार्गों एवं चौराहों से होकर रात्रि 10 बजे पुनः मंदिर परिसर में लौट आई। रास्तेभर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा की, भजन-कीर्तन से वातावरण को भक्तिमय बना दिया और दीपों की रौशनी से नगर जगमगा उठा।
नगर प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा सुरक्षा, स्वच्छता, यातायात और श्रद्धालुओं के ठहराव की विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। पुलिस बल, होमगार्ड, स्वयंसेवक, मेडिकल टीम और जल वितरण की सेवाएं तैनात रहीं। सावन के इस प्रथम सोमवार ने ओंकारेश्वर में श्रद्धा की ऐसी बयार बहाई जिसमें धर्म, संस्कृति और जन आस्था की त्रिवेणी प्रवाहित हुई।
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