सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है. इस माह में शिवभक्त विशेष रूप से व्रत, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि शिवजी को क्या चढ़ाना चाहिए और किन वस्तुओं से परहेज़ करना चाहिए, वरना अनजाने में पूजा में भूल भी हो सकती है.

क्या चढ़ाना चाहिए

गंगाजल : भोलेनाथ को गंगाजल अत्यंत प्रिय है, इससे अभिषेक करना सबसे पुण्यदायी माना जाता है.
बेलपत्र : तीन पत्तियों वाला ताज़ा बिल्वपत्र चढ़ाना शुभ होता है.
धतूरा व भांग : यह विष के प्रतीक हैं और शिव को प्रिय भी हैं. इन्हें सावधानीपूर्वक चढ़ाया जाता है.
दूध, दही, शहद, घी व शक्कर : इन पांच तत्वों से पंचामृत बनाकर शिवलिंग पर अर्पित करना शुभफलदायी होता है.
सफेद फूल: विशेषत : आक, कुंद व कनेर के फूल भोलेनाथ को चढ़ाए जा सकते हैं.

क्या नहीं चढ़ाना चाहिए

तुलसी दल : तुलसी माता को श्रीहरि विष्णु को अर्पित किया जाता है, शिव को नहीं.
केतकी का फूल : एक पौराणिक कथा के अनुसार यह फूल झूठ बोलने के कारण शिव पूजा में वर्जित है.
काले तिल : भोलेनाथ की पूजा में इसका प्रयोग वर्जित माना गया है.
चमेली का तेल या सिंदूर : यह हनुमानजी को चढ़ाए जाते हैं, शिवलिंग पर नहीं.