Sawan Purnima 2023: सावन महीने की पूर्णिमा इकलौती ऐसी पूर्णिमा है जिस पर भगवान भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा का विधान है. जहाँ एक ओर पूर्णिमा तिथि श्री हरी विष्णु को समर्पित है. वहीं दूसरी ओर सावन का महीना महादेव को अर्पित है. इस बार अधिक मास सावन की पूर्णिमा 1 अगस्त मंगलवार यानी आज के दिन पड़ रही है. इसे श्रावणी पूर्णिमा और सावन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा पर दोनों इष्टों की विधिवत पूजा की जाती है.

माना जाता है कि श्रावण पूर्णिमा के दिन महादेव और श्री हरी विष्णु के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं. पूर्णिमा के चांद की ही तरह भक्तों का देह चमकने लगता है और चंद्रमा की लालिमा की तरह भक्तों का मान सम्मान भी समाज में फैलता है. साल में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं. उन्हीं में से एक है श्रावण पूर्णिमा. श्रावण पूर्णिमा का महत्व और भी विशेष माना जाता है. आज मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और सत्यनारायण व्रत रखा जाता है. शाम के समय भगवान सत्यनारायण की कथा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.

दो शुभ योग भी बन रहे हैं

श्रावण पूर्णिमा तिथि के दिन दो शुभ संयोग बन रहे है. पहला शुभ योग है प्रीति योग और दूसरा आयुष्मान योग. इसके साथ ही उत्तराषाढ़ नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है. प्रीति योग रात्रि 08.23 मिनट तक रहेगा और इसके तत्काल बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र शाम 05.33 मिनट तक रहेगा.

श्रावण पूर्णिमा में करें धन वृद्धि के उपाय

श्रावण अधिक पूर्णिमा पर दूध मिश्रित जल लें और उसमें गुलाब की पंखुड़ियां डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी का आगमन आपके घर में होगा.

श्रावण अधिक पूर्णिमा पर विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करने से आपको लाभ होगा. इसके साथ ही भगवान विष्‍णु को आटे की बनी पंजीरी में तुलसी दल डालकर उसका भोग लगाएं.

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