नई दिल्ली . भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत चुनाव आयोग को दिए गए चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देने से इनकार कर दिया है. SBI ने कहा कि रिकॉर्ड आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक है। एसबीआई ने कहा कि यह संभालकर रखी गई निजी जानकारी है।

बैंक का कहना है कि यह व्यक्तिगत जानकारी है, जिसे किसी जिम्मेदार हैसियत से अपने पास रखा गया है. एसबीआई ने यह भी कहा कि इसके बावजूद चुनावी बांड का पूरा ब्योरा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन मौजूद हैं.

आयोग को कोर्ट ने संबंधित विवरण 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर पब्लिक करने का भी निर्देश दिया था. आयोग ने 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर SBI की ओर से प्रस्तुत डाटा प्रकाशित किया था, जिसमें बांड खरीदने वाले दानदाताओं और इन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों का विवरण शामिल था.

आरटीआई कार्यकर्ता कमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने 13 मार्च को एसबीआई से संपर्क कर डिजिटल फॉर्म में चुनावी बॉन्ड का पूरा डेटा मांगा था. उन्होंने वही ब्योरा देने की मांग की थी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को उपलब्ध कराया गया था.

कानून के अनुसार छूट मिली आरटीआई के जवाब में बैंक ने कहा कि आपके द्वारा मांगी गई जानकारी में खरीददारों और राजनीतिक दलों का विवरण शामिल है, इसलिए इसका खुलासा नहीं किया जा सकता है. आरटीआई कानून की धारा 8(1)(ई) और (जे) के तहत ऐसी जानकारी देने से छूट प्राप्त है.

लोकेश बत्रा ने कहा कि यह अजीब बात है कि SBI ने उस जानकारी को उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया जो कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर पहले से ही मौजूद है. साल्वे की फीस के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैंक ने उस जानकारी को देने से मना कर दिया, जिसमें करदाताओं का पैसा भी शामिल है.