8 मई तक मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें टैंपरप्रूफ हैं? कोर्ट ने ये सवाल बीएसपी की याचिका पर पूछा है. बीएसपी ने अपनी याचिका में ईवीएम को टैंपरप्रूफ बनाने के लिए वोटिंग मशीनों में वोट वेरिफायर पेपर ऑडिट ट्रायल (एक तरह का प्रिंटर ) लगाना अनिवार्य करने के लिए कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है. जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अगुवाई वाले बेंच ने केंद्र और आयोग से बीएसपी के आरोपों पर 8 मई तक जवाब मांगा है. बीएसपी ने आरोप लगाया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है और पेपर ट्रायल अनिवार्य किया जाना चाहिए.

ईवीएम को लेकर बीएसपी की इस कानूनी लड़ाई को कांग्रेस, एनसीपी और टीएमसी जैसी दूसरी पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है. इन पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वे भी इस मुद्दे पर याचिका दाखिल करेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही वोटिंग मशीनों में VVPAT (एक तरह का प्रिंटर) को लगाने का निर्देश दिया था ताकि चुनाव प्रक्रिया में वोटरों का विश्वास मजबूत हो. कोर्ट ने हाल ही में सरकार से कहा था कि वह देशभर में VVPAT सिस्टम को लागू करने के लिए एक समयसीमा तय करे.

VVPAT सिस्टम में जब कोई वोटर ईवीएम मशीन पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे का बटन दबाता है तो एक पेपर बैलट छपता है जिस पर सीरियल नंबर, उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न प्रिंट होता है. जिससे मतदाता को पता चल जाता है कि उसका वोट उसे गया है या नहीं जिसे उसने दिया है.