उमेश यादव, सागर। मध्य प्रदेश से एक बार फिर अनोखा मामला सामने आया हैं। जहां एक कैदी को सात साल की सजा हुई लेकिन उसे 15 साल बाद रिहा किया गया! कैदी ने आठ साल ज्यादा सजी काटी इसे लेकर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां SC ने बड़ा फैसला सुनाया है। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है…

दरअसल, एमपी के सागर जिले के खुरई रहवासी सोहन सिंह उर्फ बबलू पर रेप सहित दो धाराओ में ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सोहन जबलपुर हाईकोर्ट गया। जहां कोर्ट ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए उसकी सजा कम करते हुए 7 साल कर दी। लेकिन जेल विभाग ने उसे 15 साल बाद जून 2025 को रिहा किया। उसने 8 साल जेल में ज्यादा सजा काटी।

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इसे लेकर सोहन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। SC ने मध्य प्रदेश सरकार से दो हफ्ते के अंदर (8 सितंबर 2025) तक इसका जवाब मांगा था। जवाब से नाखुश सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार पर जुर्माना लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सागर के रहवासी सोहन सिंह को 7 साल ज्यादा जेल में रखने के मामले में 25 लाख का जुर्माना लगाया है।

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कोर्ट ने कहा कि चुकी वह कारावास के दौरान बेल पर बाहर भी रहा था, फिर भी सोहन ने 4.7 साल ज्यादा सजा काटी। आपको बता दें कि जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने यह फैसला सुनाया हैं। फरियादी बांदरी के पास सोहन गांव का निवासी है, जो अब इंदौर में रहता है।

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