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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें आधार कार्ड और पैन कार्ड को एक साथ लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना ये फैसला सुनाया, जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन आवंटन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है. नए प्रावधान के तहत आधार को पैन कार्ड से लिंक करना जरूरी हो गया है.
न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने चार मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इन याचिकाओं में आयकर अधिनियम की धारा 139 एए को चुनौती दी गई थी, जिसे इस साल के बजट और वित्त अधिनियम, 2017 के जरिए लागू किया गया था.
आयकर अधिनियम की धारा 139 एए या आधार आवेदन पत्र की इनरॉलमेंट आईडी को बताना आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन के आवंटन के लिए आवेदन करने को इस साल एक जुलाई से अनिवार्य बनाती है.
सरकार के कदम का विरोध करते हुए सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम सहित याचिकाकर्ताओं ने पीठ के समक्ष दावा किया है कि केंद्र शीर्ष अदालत के 2015 के उस आदेश का ‘महत्व नहीं घटा’ सकता जिसमें आधार को स्वैच्छिक बताया गया था.
गौरतलब है कि स्थाई खाता संख्या (पैन कार्ड) को आधार कार्ड नंबर से जोड़ने की एक नई सुविधा केंद्र सरकार ने मई में शुरू की थी. सरकार ने इनकम रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड नंबर के साथ-साथ आधार कार्ड नंबर भी अनिवार्य कर दिया था. यह एक जुलाई 2017 से प्रभावी होता.