राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। 10 साल पुराने मामले में घोटाले की फाइल फिर खुल गई है। भोपाल के एमपी नगर विकास घोटाले में कमिश्नर कोर्ट ने 39 पार्षदों को आरोपी बनाया था। आरोपी नगर निगम बीजेपी परिषद के सभी पार्षद हैं। वर्तमान महापौर मालती राय भी तात्कालीन परिषद में शामिल थी। बैरसिया से विधायक विष्णु खत्री भी तात्कालीन परिषद में थे। 15 साल पहले एमपी नगर में विकास कार्य का मामला सामने आया था। काॅन्ट्रैक्टर को 85 लाख अधिक भुगतान करने का आरोप है।
ये है मामला
2005 में एमपी नगर जोन-2 में विकास कार्य का मामला।5 करोड़ 45 लाख 70 हजार से विकास होना था। सीसी रोड, पाइप लाइन, सीवेज लाइन का काम होना था। एक कम्पनी ने एसओआर से 7.2 फीसदी कम रेट पर ऑफर दिया। 2 मार्च 2005 की परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया। बीजेपी पार्षदों के विरोध के कारण बहुमत के आधार पर टेंडर रद्द हुआ। बाद में फिर टेंडर बुलाया गया। उसी कंपनी ने एसओआर से 8.38 प्रतिशत अधिक का ऑफर दिया गया। 10 मई 2005 को हुई परिषद की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। इस कारण नगर निगम को 85 लाख रुपए अधिक भुगतान करने पड़े।
कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने लोकायुक्त में शिकायत की थी। 30 मार्च 2007 को लोकायुक्त रिपुसूदन दयाल ने रिपोर्ट संभागायुक्त को भेजी थी। लोकायुक्त ने इन पार्षदों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की। साथ ही 85 लाख रुपए की वसूली करने की सिफारिश भी की थी, तब से मामला संभागायुक्त कार्यालय में पेंडिंग है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक