रायपुर। भारतमाला परियोजना में धांधली कर भूमाफियाओं को कई गुना ज्यादा मुआवजा दिलाने के मामले में निलंबित आरोपी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत तीन पटवारी फरार चल रहे हैं. एसीबी ने इनके विरुद्ध मामला दर्ज किया है पर अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा पूछताछ के लिए बार-बार बुलाने पर भी सभी आरोपी उपस्थित नहीं हुए. गिरफ्तारी वारंट के बाद भी सभी आरोपी उपस्थित नहीं हुए. अब विशेष न्यायाधीश ने आदेश जारी कर सभी 6 अरोपियों को 29 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं.

भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी को लेकर आरोपी निर्भय कुमार साहू एसडीएम, शशिकांत कुर्रे तहसीलदार, लखेश्वर किरण नायब तहसीलदार, जितेंद्र साहू, बसंती धृतलहरें, लेखराम देवांगन तीनों पटवारियों के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो में अपराध दर्ज किया गया है. उक्त अपराध के आधार पर विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर की अदालत ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया था पर वारंट को यह कह कर लौटा दिया जाता है कि आरोपी मिल नहीं रहे हैं और फरार हो गए हैं. इसके चलते विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर नीरज शर्मा ने सभी आरोपियों को 29 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है.

जानिए पूरा मामला

भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम रायपुर तक बन रही कॉरिडोर में एसडीएम निर्भय साहू एवं अन्य राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमाफियों को कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिलवाया है. इससे सरकार को 600 करोड़ की हानि हुई है. मामला संज्ञान में आने पर मार्च में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू एवं दो तहसीलदार और तीन पटवारी को निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के समय निर्भय कुमार साहू जगदलपुर नगर निगम आयुक्त थे. सरकार ने घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दिया है. ईओडब्ल्यू आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है. कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था पर अब तक सभी आरोपी फरार चल रहे हैं.