सीताराम रघुवंशी, गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले में ओला प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। राशि ऐसे लोगों के खाते में ट्रांसफर की गई जिस नाम के किसान गांव में है ही नहीं। सबसे बड़ा सवाल है कि यह गलती से हुई या पटवारी की मिलीभगत से।

बता दें कि जिले में 2 मार्च की रात में ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। किसानों ने अशोकनगर रोड पर चक्का जाम किया था। मौके पर पहुंचे अफसरों ने नुकसान का सर्वे कर मुआवजे राशि देने का आश्वासन दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने खेतों में जाकर फसल के नुकसान का सर्वे करवाया था। इसके बाद सर्वे के अनुसार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों को मुआवजे की राशि के प्रमाण पत्र भी बांटे थे। किसानों के खातों में मुआवजा राशि आने का समय आया तो पटवारियों द्वारा किसानों के खाते नंबर बदलकर अन्य लोगों के खातों में पैसे डाल कर निकाल लिया।

आरटीआई में गड़बड़ी का हुआ खुलासा

किसान तहसील और पटवारी कार्यालय के चक्कर लगाते रहे। आरटीआई से भुगतान की जानकारी निकली तब गड़बड़ी की पोल खुली। वास्तव में दूसरे खातों में मुआवजे की राशि डाल दी गई। कई ऐसे लोग हैं जिनकी जमीन ही नहीं और राशि उनके खाते में पहुंच गई है। गुना जिले के गोरा, चौरोल, रिछेरा गांव के किसान 3 महीने से तहसील और पटवारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक मुआवजे की राशि खातों में नहीं पहुंची है। पीड़ित किसानों ने 181 हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है लेकिन उनको अभी तक न्याय नहीं मिला है।

16 पटवारियों पर हुई कार्रवाई

हाल ही में देवास में अपर कलेक्टर संजीव सक्सेना ने पटवारियों द्वारा किए गए मुआवजा राशि के घोटाले की जांच की थी। जिनकी रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने 16 पटवारियों पर एक्शन लिया और उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। इससे पहले इन पटवारियों पर प्रकरण दर्ज कर गड़बड़ी की राशि जब्त कर ली गई थी।

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