यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या UPI ने अपने QR कोड और UPI ID सिस्टम के साथ ऑनलाइन पेमेंट को बहुत आसान बना दिया है. हालांकि, इसका नेगेटिव पक्ष यह है कि आपके UPI ID वाले स्कैमर्स आपके पास कलेक्ट मनी या ऑटोपे रिक्वेस्ट की बाढ़ ला सकते हैं. अगर आप गलती से इन रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेते हैं, तो आप जालसाजों को पेमेंट कर देंगे, जिससे वे अपनी खरीदारी के लिए आपके पैसे का इस्तेमाल कर सकेंगे.
क्या है UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम
अब जो अगला सवाल हमारे दिमाग में आता है कि ये UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम क्या है और कैसे काम करता है.
स्कैमर्स इसके जरिए लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं. इसमें स्कैमर्स यूजर को ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजते हैं.
इसके बाद ये आपको कोई कारण बताकर इसमें फंसाने का प्रयास करते हैं.
इसमें खासकर बिजली का बिल न जमा होने और OTT का सब्सक्रिप्शन खत्म होने को कारण बताया जाता है.
ये ऑटो पेमेंट रिक्वेस्ट ऐसी कंपनियों से आते हैं, जो आमतौर पर हर महीने आपसे कलेक्ट मनी या ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजती हैं.
चूंकि यूजर हर महीने इस तरह के रिक्वेंस्ट को देखते हैं तो वे आसानी से इसके झांसे में फंस कर इसकी अनुमति दे देते हैं.
फर्जी और सही रिक्वेस्ट के बीच का फर्क समझें
ध्यान रखें कि इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही और फर्जी रिक्वेस्ट के बीच के फर्क को समझना बहुत आवश्यक है. इसके जरिए आप अपने आपको इस तरह की फ्रॉड की घटनाओं से सुरक्षित रख सकते हैं.
आज के वक्त में लोग अपने मोबाइल नंबर को ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग आदि के लिए आसानी से जमा कर देते हैं. ऐसे में इस तरह के घोटालेबाज लोग इसका फायदा उठाते हैं. वे लोगों की UPI ID को क्रैक कर फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं.
ऐसे रहें सावधान
हमेशा UPI एड्रेस की पुष्टि करें और जिसको पेमेंट कर रहे हैं उसकी कम से कम दो बार जांच करें. घोटालेबाज अक्सर भावनात्मक हथकंडे अपनाते हैं, जैसे कि संकट में फंसे परिवार के सदस्य होने का दिखावा करना. इस तरह फ्रॉड से से सावधान रहें और ऐसे रिक्वेस्ट को खारिज कर दें.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए UPI लेनदेन से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी होना और वैलिड रिक्वेस्ट को पहचानना समझना महत्वपूर्ण है. ऐसे UPI रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले उन्हें विश्वसनीय परिवार के सदस्यों या दोस्तों से सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करना भी मददगार हो सकता है.