रायपुर। SCERT संचालक ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है. संचालक राजेश सिंह राणा ने बालवाड़ी को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से सबसे बड़ा परिवर्तन स्कूली शिक्षा में आया है. प्रथम चरण में 6,536 शासकीय प्राथमिक शाला में बालवाड़ी खोली जा रही है. बालवाड़ी 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए है.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सबसे बड़ा परिवर्तन स्कूली शिक्षा की अकादमिक संरचना में आया है. यह पहले 10+2 हुआ करती थी, अब यह 5+3+3+4 हो चुकी है. स्कूली शिक्षा के प्रथम 5 वर्षों को फाऊंडेशनल इयर्स कहा गया है, जिसमें 3 वर्ष से 8 वर्ष तक बच्चे आएंगे. पहले स्कूली शिक्षा की शुरुआत कक्षा पहली में 6 वर्ष की उम्र से होती थी.

अब वह पूर्व प्राथमिक कक्षा एक से 3 वर्ष की उम्र में प्रारंभ होगी. स्कूली शिक्षा में अब पूर्व प्राथमिक भी जुड़ गई है प्रथम चरण में 6536 शासकीय प्राथमिक शाला में 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए बालवाड़ी खोली जा रही है. बालवाड़ी संचालन के लिए राज्य में तैयारियां तेज हो गई है

संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा कि उत्कृष्ट बालवाड़ी कैसी होनी चाहिए ? बालवाड़ी का प्रभावी संचालन कैसे होगा ? इन सभी बिंदुओं पर विमर्श के लिए एससीईआरटी छत्तीसगढ़ द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 19-20 अप्रैल 2022 किया जा रहा है. इसका उद्घाटन शिक्षा मंत्री द्वारा किया जाएगा.

प्रथम दिवस पर शिक्षा अधिगम, सहयोगात्मक रणनीतियां, शिक्षकों के क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण पर दो परिचर्चाए आयोजित की जा रही है. इसमें देश के प्रसिद्ध ECCE विशेषज्ञ भाग लेंगे.

विशेषज्ञ अंतर्गत अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली से प्रोफेसर डॉ विनीता कौल, स्टेट प्लैनिंग कमिशन की एडवाइजर मिताक्षरा कुमारी, इग्नू नई दिल्ली से प्रोफेसर रेखा शर्मा सेन, आवाहन से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सायंतनी गडम, सीएलआर के पूर्व संचालक चितरंजन कौल, एड्यूवीव फाउंडेशन एंड विवर्स एजुकेशन सॉल्यूशन की डायरेक्टर अमिता कौशिक, एनसीईआरटी से प्रोफेसर सुनीता फरकिया, अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली से ईसीसीई एक्सपर्ट सावित्री सिंह, NIPCCD इंदौर से रिसर्च ऑफिसर निलेश शिंदे, यूनिसेफ दिल्ली से सुनीशा आहूजा सम्मिलित होंगे.

इस दो दिवसीय कार्यशाला में 12 NGO’s के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं, जो ECCE क्षेत्र में अपने कार्य अनुभव और आने वाली चुनौतियों पर चर्चा देंगे. कार्यशाला के दूसरे दिवस पर बालवाड़ी एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था एवं शिक्षा पर केंद्रित आठ अलग-अलग थीमों पर ECCE विशेषज्ञ, NGO’s प्रतिनिधि, शासकीय प्राथमिक शालाओं के शिक्षक, महिला एवं बाल कल्याण विभाग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, डीपीओ तथा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले विभाग जैसे एससीईआरटी, DPI, समग्र शिक्षा के अधिकारी बैठकर समूह चर्चा करेंगे एवं बालवाड़ी के संदर्भ में आने वाले समय में बालवाड़ी की सफलता के लिए रोडमैप तैयार करेंगे.