अमृतांशी जोशी,भोपाल। School Bag Policy मध्यप्रदेश में एक अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगी। एक अक्टूबर से बस्तों के वज़न की तुलाई शुरू की जाएगी। अगर नौनिहालों के कंधों पर तय वजन से ज्यादा बोझ रहेगा तो स्कूलों पर लगेगा 50 हजार से चार लाख तक जुर्माना लगेगा। स्कूल शिक्षा विभाग और मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Madhya Pradesh Child Rights Protection Commission) मिलकर बस्तों के वजन पर नजर रखेंगे। 

इस टीम में कुल चार सदस्य शामिल होंगे। दोनों सरकारी MP बोर्ड ग़ैर सरकारी सभी स्कूलों के बच्चों पर नज़र रखेंगे। बाल आयोग के सदस्य स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। 
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बता दें कि नई पॉलिसी के अनुसार क्लास 1 से लेकर 5वीं क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन 1.6 किलो से 2.5 किलोग्राम के बीच रहेगा। प्री-प्राइमरी क्लास में अब बच्चों के लिए स्कूल बैग नहीं होगा। वहीं कक्षा छठवीं से लेकर नौवीं कक्षा तक के बच्चों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4 किलो होगा। वहीं कक्षा 10वीं के छात्रों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4.5 किलो तक रहेगा।  
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पांचवीं क्लास वाले बच्चों के बैग का वजन 17 किलो से ज्यादा 
दरअसल मध्यप्रदेश में बीते कुछ वर्षों से स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने की मांग लगातार विशेषज्ञ उठा रहे थे। शिक्षा विभाग (Education Department) ने स्कूल बैग पॉलिसी 2019 को रद्द कर अब स्कूल बैग पॉलिसी 2020 (School Bag Policy 2020) जारी किया है। नई पॉलिसी के अनुसार होमवर्क का तनाव छोटे बच्चों को नहीं दिया जाएगा। सरकार बिना किताब के शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मिसाल के तौर पर कंप्यूटर शिक्षा, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की क्लास बिना किताब के लगेगी। सीबीएसई और एमपी बोर्ड में बच्चों के वजन से 4 गुना ज्यादा भारी स्कूल का बैग है। सीबीएसई की चौथी क्लास के बैग का वजन 9 किलो पाया गया है। पांचवीं क्लास वाले बच्चों के बैग का वजन 17 किलो से ज्यादा रहता है। 

स्कूल बैग पॉलिसी के मापदंड
पहली कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
चैथी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
छठवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
सातवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
आठवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
नौवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
दसवीं कक्षा- 2.5-4.5 किग्रा

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