लोरमी. प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है. एक तरफ तो शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही, तो दूसरी ओर शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है. यहां तक की स्कूल की क्लास भी बढ़ा दी गई और छात्रों ने भी अगले क्लास में प्रवेश ले लिया है. अब शिक्षक नहीं होने से बच्चों का कोर्स अधूरा पड़ा हुआ है. दरअसल बच्चों ने शिक्षकों की कमी को लेकर कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को भी समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन आश्वासन मिलने के अलावा कुछ भी नहीं मिल रहा है. जिस वजह से अब बच्चे और परिजन आंदोलन करने की तैयारी में है.

दरअसल यह मामला मुंगेली जिले के लोरमी का है, जहां स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा शिक्षा सत्र 2018-19 में लोरमी विकासखंड के ग्राम फुलवारी (एफ) में हाईस्कूल का स्वीकृति कर दिया गया पर अभी तक बन नहीं सका. कक्षा 8वीं से बढ़ाकर 9वीं तक तो कर दिया गया, लेकिन अब नए कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है. जिससे इन छात्रों का भविष्य अधर में लटका दिखाई दे रहा है.

जुलाई में कक्षा नवमी में 32 छात्रों ने प्रवेश लिया. जो माध्यमिक स्कूल के भवन में बैठते हैं. जिसमें 182 विद्यार्थी पहले से ही अध्ययनरत हैं. ऐसे में सभी को पुराने शिक्षक ही देखरेख करते हैं. अब पिछले सात महीने से स्कूल तो आ रहे, लेकिन रोजाना उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. वो इसलिए की यहां ना तो पर्याप्त शिक्षक ना ही स्कूल भवन की व्यवस्था है. अब परीक्षा भी सामने आ गया है और पूरा कोर्स भी बचा हुआ है.

इन सब अव्यवस्थाओं को लेकर गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रपरिषद अध्यक्ष नितेश साहू ने मुंगेली जिला के कलेक्टर एंव जिला शिक्षा अधिकारी को लिखीत रूप से अवगत करा चुके हैं. जहाँ जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मौखिक आश्वासन मिला था, लेकिन व्यवस्था सुधारने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहींं की गई है. जिससे अब छात्र, परिजन और ग्रामवासी एक साथ मिलकर आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं.