रायपुर। कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बिना निविदा सामग्री खरीदने का मामला सदन में उठा. स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों नियमों का पालन नहीं किए जाने की बात कहते हुए चार जिलों के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों को सदन में ही निलंबित करने की घोषणा की. इसे भी पढ़ें : CG Budget 2024 : बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश, दिखेगी मोदी की गारंटी की झलक, प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का होगा रोड मैप- ओपी चौधरी
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बिना निविदा सामग्री खरीदने का मामला उठाते हुए सवाल किया कि क्या छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में एनसीसीएफ, नेकाफ, केंद्रीय भंडार और स्व सहायता समूह से बिना निविदा खरीदी करने की छूट दी गई है? मुझे जानकारी है कि करीब 50 करोड़ रुपए की सामग्री की ख़रीदी की गई है. क्या इसकी जांच की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि करीब 36 करोड़ रुपए की खरीदी हुई है. जो छूट लेनी चाहिए थी, वह छूट नहीं ली गई. नियमों का पालन नहीं किया गया. सूरजपुर, मुंगेली, बीजापुर, कोंडागाँव जैसे जिलों में खरीदी की गई. सूरजपुर ज़िले में 11 करोड़ 36 लाख, मुंगेली में 99 लाख 95 हज़ार, बस्तर में 20 करोड़ 47 लाख, बीजापुर में 55 लाख 4 हजार और कोंडागाँव में 3 करोड़ रुपए की ख़रीदी की गई थी.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. एक जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है.
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि कोरोना की आड़ में बड़ा खेल खेला गया. सदन की कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाए. मंत्री गड़बड़ी को स्वीकार कर रहे हैं. फिर इस पर कार्रवाई कब तक होगी. बृजमोहन अग्रवाल ने की चार जिलों के ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा. विनोद राय, एल्मा, प्रमोद ठाकुर और राजेश मिश्रा को निलंबित किया.
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