संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी– मुंगेली जिले के शिक्षा विभाग में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. शासन के नियमों को ताक में रखकर समन्वयकों के जरिए खेलगढ़िया की राशि वसूलने का फरमान जारी कर दिया है. जबकि खेलगढ़िया कार्यक्रम के तहत राज्य शासन द्वारा राशि सीधे शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के खाते में आया है. इस बजट से शालाओं को अपनी आवश्यकतानुसार खेलों का चयन कर उसके लिए सामाग्री क्रय किया जाना है. बावजूद इसके खेलगढ़िया के इस राशि में जमकर कमीशनखोरी हो रही है.

गौरतलब है कि लोरमी विकासखंड में कुल 23 संकुलों में बंटा है. जिनके अंतर्गत 276 प्राथमिक शाला है, जहां 3-3 हजार एवं 108 माध्यमिक शाला को 5-5 हजार और 43 शासकीय हायर सेकेंड्री स्कूल को 25-25 हजार रुपए खेलगढ़िया कार्यक्रम के तहत दिया गया है. स्कूलों में बच्चों के भविष्य को ध्यान को रखते हुए खेल सामाग्री खरीदने राज्य शासन से बजट प्रदान किया गया है. जिसके लिए मुख्य रूप से राज्य परियोजना कार्यालय रायपुर से लिखित में आदेश भी जारी किया गया है.

इस आदेश के तहत जिले में शालाओं के माध्यम से इस प्रक्रिया को बिना किसी दबाव के अपनी आवश्यकतानुसार इस बजट का उपयोग करने एवं बच्चों के लिए बेहतर खेल सुविधाओं की व्यवस्था करने जिला कलेक्टर को कहा गया है. साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मिशन समन्वयक जिम्मेदार होंगे.

जिले के सभी शालाओं को शाला प्रबंधन विकास समिति द्वारा अपने स्तर पर ही खेल सामाग्री क्रय करना है. लेकिन राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक एस के अम्बस्ट के सह पर एपीसी पी.सी. दिव्य और वी.पी. सिंह द्वारा बीआरसी अशोक यादव की मौजूदगी में लोरमी के कार्यालय में सभी संकुल समन्वयकों को बुलाकर बैठक लिया गया.

जहां जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा शासन के सभी नियमों को ताक में रखते हुए स्कूलों में आवंटित बजट को संकुल समन्यवकों को इकट्ठा कर जिला कार्यालय में जमा करने की बात कही गई. ताकि राशि लेकर जिले से ही खेल सामग्री खरीदकर सभी स्कूलों में वितरण किया जा सके.

इस तरह अधिकारी खेलगढ़िया कार्यक्रम की राशि में कमीशन पाने के लिए खुलकर बच्चों के हक को मारने की योजना बनाई गई और सभी संकुल समन्वयकों को शाला प्रबंधन एवं विकास समिति से 3-3 और 5-5 हजार रुपए की राशि को वसूलने की बात कहते हुए शारदा पुस्तक एवं स्टेशनरी मार्ट पड़ाव चौक मुंगेली के नाम का कोटेशन दिया गया. जिसके आधार पर ही सभी प्राचार्यों से राशि को वसूल किया जाए.

फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर राजीव गांधी शिक्षा मिशन जिला समन्वयक एस के अम्बस्ट से बात की गई तो उन्होंने खेल गढ़िया कार्यक्रम में किसी तरह गड़बड़ी नहीं होने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए. वहीं अब देखना होगा आगे इस मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा बच्चों के हित को देखते हुए कब जांच कराएगी.