सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। ट्यूशन फीस के नाम पर स्कूलों की वसूली से परेशान पालक को जब शिक्षा विभाग से न्याय नहीं मिला तो फिर हाईकोर्ट पहुंचे. शिक्षा विभाग के सचिव के साथ रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी को पार्टी बनाते हुए पीड़ित पालक ने हाईकोर्ट में  याचिका दायर की है.

याचिकाकर्ता प्रीति उपाध्याय

पूर्व बैंकर रायपुर निवासी प्रीति उपाध्याय ने निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के नाम पर की जा रही वसूली के विरुद्ध बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है. उनका कहना है कि बिलासपुर उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए फैसला दिया था कि निजी स्कूल ट्यूशन फ़ीस ले सकते हैं, लेकिन इसी आदेश की आड़ में निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर पालकों को गुमराह करते हुए वसूली शुरू किया है.

प्रीति उपाध्याय ने कहा कि प्रदेशभर के पालकों समर्थन के बाद निजी स्कूलों की फीस को परिभाषित और सुनिश्चित करने के लिए ही यह याचिका लगाई गई है. उन्होंने कहा कि 8 घण्टे तक चलने वाली स्कूल की पढ़ाई को मोबाइल पर डेढ़ घण्टे में निपटाया जा रहा है. असेम्बली, कम्प्यूटर क्लास, लेबोरेट्री, स्पोर्ट्स जैसे महत्वपूर्ण सुविधाओं का लाभ जब छात्र स्कूलों से नहीं ले पा रहे हैं तो किस बुनियाद पर स्कूल 100 प्रतिशत फीस वसूल सकते हैं?

प्रीति कहती हैं कि कोरोना काल में सिर्फ स्कूल ही संकट में नहीं हैं, पालक भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. परंतु स्कूल जो नो प्रॉफिट नो लॉस के संस्थान हैं, एक लाभदायी उद्योग की तरह का व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि न्याय पालकों के पक्ष में ही आएगा और स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर मनमानी नहीं कर पाएंगे.