रायपुर. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य की GDP देश की GDP से 3 प्रतिशत आगे है, पर प्रदेश कर्मचारियों को देने वाले मंहगाई भत्ते केंद्र से 14 फीसदी पीछे है. उन्होंने कहा कि 31 प्रतिशत DA, पुरानी पेंशन और वेतन विसंगति दूर करने की मांग पूरा कर छ्ग सरकार भी कर्मचारियों का दिल जीत सकती है.

दुबे ने कहा कि 9 मार्च को छत्तीसगढ़ सरकार अपना बजट पेश करने वाली है, सरकार के द्वारा केंद्र के समान 31% DA न देने से, सातवे वेतनमान के अनुरूप HRA न देने से, केंद्रीय वेतनमान न देने से व्याप्त वेतन विसंगतियों के दूर न होने से, घोषणापत्र में उल्लेखित पुरानी पेंशन जैसी मांग के पूर्ण न होने से अब तक प्रदेश के कर्मचारियों को नजरअंदाज करने का ठप्पा वर्तमान सरकार पर लगते जा रहा है. कर्मचारी इस बात से भी नाखुश हैं कि उनकी मांग पूर्ति के सम्बंध में हमेशा प्रदेश के मुखिया की ओर से आर्थिक स्थिति का हवाला देकर टाल दिया जाता रहा है, किंतु छ्ग शासन ने स्वयं आज विधानसभा में प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते समय दावा किया है कि छ्ग का आर्थिक विकास दर, देश के आर्थिक विकास दर से कही आगे है. ऐसे में प्रदेश के समस्त कर्मचारियों की मांग को प्रमुखता से रखते हुए छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने इस बार के बजट में अपनी बहुप्रतीक्षित मांग 31%DA, पुरानी पेंशन,सातवे वेतनमान के अनुरूप HRA, व वेतन विसंगतियों को दूर करने केंद्रीय वेतनमान की मांग की है.

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री पहला बजट किसानों का व दूसरा बजट कर्मचारियों के लिए होगा कहा था, किंतु अब तीन वर्ष का बजट निकल चुका है, अभी तक प्रदेश के कर्मचारियों की उपेक्षा की गई है, केंद्र के समान मंहगाई भत्ता न देने मात्र से ही प्रत्येक कर्मचारी को प्रति माह 4000 से 8000 का आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसी तरह राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश जैसे राज्य पुरानी पेंशन को पुनः बहाल करने की प्रतिबद्धता कर चुके हैं ऐसे में छ्ग में भी इस बजट में पुरानी पेंशन बहाल किया जाना चाहिए.

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सातवे वेतनमान के अनुरूप HRA न देने से तथा वेतन में व्याप्त विसंगतियों को दूर न करने प्रत्येक कर्मचारी को बड़ी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है. प्रदेश के समस्त कर्मचारी आशान्वित हैं कि इस बार मुख्यमंत्री कर्मचारियों को निराश नहीं करेंगे.

प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष सुनील सिंह, डॉ. सांत्वना ठाकुर, विष्णु शर्मा, सहसचिव सत्येंद्र सिंह, सन्गठन मंत्री विवेक शर्मा, जितेंद्र गजेंद्र, राजेश शर्मा, घनश्याम पटेल, अतुल अवस्थी, अजय वर्मा, जिलाध्यक्षगण प्रहलाद जैन, शिवेंद्र चंद्रवंशी, सन्तोष मिश्रा, दिनेश राजपूत, कुलदीप सिंह, शैलेष सिंह, प्रदीप पांडेय, रवि मिश्रा, संतोष शुक्ला, विनय सिंह, हिमन कोर्राम, दीपक वेंताल, भोजराज पटेल, भानु प्रताप डहरिया, यादवेंद्र दुबे, उपेंद्र सिंह, जोगेंद्र यादव, विनय सिंह, सर्वजीत पाठक, ओमप्रकाश खैरवार, कैलाश रामटेके, कृष्णराज पांडेय, पवन दुबे, सुशील शर्मा, करनैल सिंह, शशि कठोलिया, अब्दुल आसिफ खान, विक्रम राजपूत गौतम शर्मा, शर्मा,मारुति शर्मा, अमित सिन्हा, द्वारिका भारद्वाज, दिनेश साहू, खेमन साहू आदि प्रांतीय, जिला व ब्लाक पदाधिकारियों ने अपील की है मुख्यमंत्री इस बार प्रदेश के कर्मचारियों को 31% डीए, पुरानी पेंशन, सातवे वेतनमान अनुरूप HRA, वेतन विसंगति दूर करने केंद्रीय वेतनमान जैसी घोषणा इस बजट में करके हमें सौगात प्रदान करें.