बीजापुर. छत्तीसगढ़ का बस्तर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और ऐसे बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को पहुंचाना एक बड़ी समस्या है. सरकार और प्रशासन ने इस समस्या को दूर करने में अब कमर कस ली है. बस्तर का बीजापुर, जहां आए दिन गोलियों और बारूद जैसे बड़ी नक्सलवाद की समस्या है. ऐसे क्षेत्रों को अब सरकार और प्रशासन ने भी चिन्हाकित कर लिया है. ग्रामीण क्षेत्रों तक शिक्षा पहुंचाने में बीजापुर प्रशासन ने एक अभियान की शुरुवात की है. गोंडी भाषा मे इस अभियान का नाम (स्कूल वेन्डे वर्राटू पंडुम अभियान) है, इसका हिन्दी में अनुवाद स्कूल फिर चले अभियान है.
शिक्षा की अलख जगाने 624 सर्वे दल 579 गांव और 3 नगरीय निकायों में शालात्यागी और अप्रवेशी बच्चों की पहचान के लिए घर-घर दस्तक देगा. इस अभियान के तहत बीजापुर शिक्षा विभाग ने हर एक गांव में एक सर्वेक्षण टीम का गठन किया है. इस टीम में शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन को शामिल किया गया है. यह सर्वश्रेष्ठ टीम हर दिन एक गांव जाएगी और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात करेगी. इसके बाद बच्चों के हर घर में माता-पिता से बात कर उन्हें हौसला हपजाई करेगी और बच्चों को फिर से स्कूल भेजने प्रोत्साहित करेगी.
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