देश में ड्रोन पायलट बनने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. ड्रोन प्रशिक्षण के कारोबार से जुड़ी ड्रोन डेस्टिनेशन कंपनी ने घोषणा की है कि साल 2025 तक देशभर में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 150 स्कूल स्थापित किए जाएंगे. कंपनी ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए यह फैसला किया है. ड्रोन की उपयोगिता बढ़ने पर ड्रोन पायलटों और इन्हें प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी संख्या बढ़ेगी इसलिए आने वाले 3 सालों में देश में 150 ऐसे संस्थानों की स्थापना होगी.

एक लाख रोजगार होंगे सृजन

ड्रोन डेस्टिनेशन भारत का पहला रिमोट पायलट ट्रेनिंग संगठन है. इसे एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने नए ड्रोन रूल्स, 2021 के तहत मंजूरी दी है. ड्रोन डेस्टिनेशन की ओर से वर्तमान में देश में छह रिमोट पायलट ट्रेनिंग स्कूल चलाए जा रहे हैं. सीईओ चिराग शर्मा ने बताया कि हम पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों, कृषि संस्थानों और पुलिस अकादमियों के साथ साझेदारी करना चाहते हैं. इसके माध्यम से हमारा लक्ष्य 1 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है.

इन स्थानों पर चल रहे स्कूल

ड्रोन डेस्टिनेशन कंपनी ने बीते महीनों में करीब 500 पायलटों को ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया है. आने वाले समय में गुरुग्राम केंद्र से लगभग 1,500-2,000 और अन्य स्थानों से 500 पायलटों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. ड्रोन डेस्टिनेशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के सहयोग से गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर और धर्मशाला में चार प्रशिक्षण केंद्रों को संचालित कर रही है. एक प्रशिक्षण केंद्र संस्कार धाम ग्लोबल मिशन के सहयोग से संचालित हो रहा है तो वहीं एक ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में खोला गया है.