नई दिल्ली. कोरोना काल की वजह से देशभर में लगभग इस सत्र स्कूल बंद रहे हैं. स्कूल प्रशासन और पालक के बीच फीस को लेकर विवाद था. अब कोई भी स्कूल छात्रों से पूरी फीस नहीं ले सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि लॉकडाउन में बंद स्कूल पूरा शुल्क नहीं लेगा. राजस्थान में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला किया है.
फैसले में स्कूलों को आदेश दिया है कि वो छात्रों से सत्र 2020-21 की वार्षिक फीस ले सकते हैं, लेकिन इसमें 15 फीसदी की कटौती करें क्योंकि छात्रों ने उनसे वो सुविधा नहीं ली हैं जो स्कूल आने पर लेते थे. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार राजस्थान के शैक्षणिक सत्र 2020-21 स्कूल फीस के मसले पर सुनवाई हुई. स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को कोर्ट की ओर से कई निर्देश दिए गए. जस्टिस खानविलकर ने फैसले में उल्लेख किया कि इस तरह के आर्थिक संकट में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गईं.
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जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि स्कूल चाहें तो छात्रों को अधिक रियायत दे सकते हैं. पीठ ने 128 पन्नों के अपने फैसले के मुताबिक 5-8-2021 से पहले छह समान मासिक किस्तों में अभिभावक फीस का भुगतान करेंगे.
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